उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बलिया में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी पर जिला पंचायत सदस्य को बंधक बनाने का आरोप लगा है. इस मामले में पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी सहित तीन लोगों के खिलाफ बुधवार को एक जिला पंचायत सदस्य को कथित रूप से बंधक बनाने के मामले में केस दर्ज किया गया है.
अंबिका चौधरी के खिलाफ केस बांसडीह थाने में दर्ज किया गया है. बांसडीह थाने के एसएचओ सुनील लांबा ने बताया कि अक्ताहन निवासी मंगला वर्मा की शिकायत पर अंबिका चौधरी, अमित यादव और दिनेश यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अपनी शिकायत में मंगला वर्मा ने अपने जिला पंचायत सदस्य बेटे रमेश को बंधक बनाने का आरोप लगाया है.
पुलिस को दी गई शिकायत में मंगला वर्मा ने कहा कि 17 जून को अंबिका चौधरी और दो अन्य आरोपी वार्ड नंबर 10 से जिला पंचायत चुनाव जीतने वाले उनके बेटे रमेश को ले गए, तब से रमेश का पता नहीं है. एसएचओ सुनील लांबा ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
वहीं, इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने समाजवादी पार्टी (सपा) नेताओं पर अराजकता में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. साहू ने सपा प्रत्याशी आनंद चौधरी, पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी व नारद राय, दिनेश चौधरी (आनंद के चाचा) व उनके समर्थकों पर कई आरोप लगाए.
भाजपा जिलाध्यक्ष का कहना है कि अंबिका चौधरी ने बैठक बुलाने के बहाने पंचायत सदस्यों को अपने घर पर बुलाया और उन्हें बंधक बनाकर छत्तीसगढ़ और राजस्थान ले गए. वहीं, इन आरोपों पर अंबिका चौधरी ने कहा कि उन्होंने डीएम से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील गई है.
पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा धनबल, बाहुबल और प्रशासन का इस्तेमाल कर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. अंबिका चौधरी, अखिलेश सरकार में मंत्री रहे हैं. कुछ साल पहले उन्होंने सपा छोड़ दी थी और बसपा में चले गए थे, लेकिन जिला पंचायत चुनाव के दौरान उन्होंने बसपा छोड़ दी. उनके बेटे आनंद को सपा ने प्रत्याशी बनाया है.