भारतीय महिला तैराक माना पटेल को भी टोक्यो ओलंपिक का टिकट मिल गया है। भारतीय तैराकी महासंघ (एएफआई) के अनुसार माना की विश्वविद्यालय कोटा से टोक्यो ओलंपिक में भागीदारी की पुष्टि हो गयी है। माना टोक्यो खेलों में 100 मीटर बैकस्ट्रोक में भाग लेगी। वह इन खेलों के लिये क्वालीफाई करने वाली तीसरी भारतीय तैराक है। श्रीहरि नटराज और साजन प्रकाश ने हाल में ओलंपिक क्वालीफिकेशन टाइमिंग (ओक्यूटी) में ‘ए’ स्तर हासिल करके क्वालीफाई किया था।
विश्वविद्यालय कोटा से किसी एक देश के एक पुरुष और एक महिला प्रतिस्पर्धी को ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिलता है बशर्ते उस देश के किसी अन्य तैराक ने उस वर्ग (पुरुष या महिला) में क्वालीफाई नहीं किया हो या ओलंपिक चयन समय (बी) के आधार पर अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (फिना) से निमंत्रण हासिल नहीं किया हो।
माना ने ओलंपिक्स.कॉम से कहा, ‘यह शानदार अहसास है। मैंने साथी तैराकों से ओलंपिक के बारे में सुना है और टेलीविजन पर इन्हें देखा है तथा कई तस्वीरें देखी हैं। लेकिन इस बार वहां होना, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा करना, मैं रोमांचित हूं।’ इस 21 वर्षीय तैराक के टखने में 2019 में चोट लग गयी थी और उन्होंने इस साल के शुरू में वापसी की।
विश्वास था कि सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं: माना
उन्होंने कहा, ‘महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से मुझे चोट से अच्छी तरह से उबरने में मदद मिली। लेकिन बाद में निराशा भी हाथ लगी। मुझे इतने लंबे समय तक पानी से दूर रहने की आदत नहीं है।’ इस साल उनकी पहली प्रतियोगिता अप्रैल में उज्बेकिस्तान ओपन तैराकी चैंपियनशिप थी, जिसमें उन्होंने 100 मीटर बैकस्ट्रोक में एक मिनट 04.47 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक जीता था।
उन्होंने कहा, ‘मैं उज्बेकिस्तान में अपने समय से खुश हूं। यह बहुत अच्छा नहीं था, लेकिन मैंने वापसी की थी और मैं जानती थी कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रही हूं।’ टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिये उन्होंने हाल में सर्बिया और इटली में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया था। बेलग्रेड में उन्होंने 100 मीटर बैकस्ट्रोक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘बेलग्रेड में मैंने एक मिनट 03 सेकेंड का समय निकाला। मेरा लक्ष्य टोक्यो में एक मिनट 02 सेकेंड या इससे कम समय निकालना है। मैं ओलंपिक में केवल अनुभव हासिल करना चाहती हूं। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक जीतने का मेरे पास अच्छा मौका होगा।’