पंजाब में बिजली संकट गहरा रहा है. अब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा उनकी सरकार जल्द अकाली दल-बीजेपी सरकार में हुए व्यर्थ के बिजली खरीद समझौतों को रोकने के लिए कानूनी रणनीति की घोषणा करेगी.
चंडीगढ़: पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो वहीं इस वक्त मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की बिजली संकट को लेकर परेशानियां और बढ़ गई हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बीते दिन एक बयान देते हुए कहा कि उनकी सरकार शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए ‘व्यर्थ’ के बिजली खरीद समझौतों को रोकने के लिए जल्द ही एक कानूनी रणनीति की घोषणा करेगी.
इसके साथ ही बिजली मंत्रालय के प्रभारी मुख्यमंत्री अमरिंदर ने राज्य को अनावश्यक वित्तीय बोझ में लाने के लिए पिछली सरकार को दोषी ठहराया है. वहीं, अकाली दल ने कांग्रेस के बागी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बिजली बिलों का भुगतान न करने की खबरों को लेकर अमरिंदर सिंह पर तंज कस दिया.
उस मंत्री पर ध्यान दें जिनके लाखों रुपये के बिजली बिल बकाया है- अकाली दल
अकाली दल ने ट्वीट कर कहा कि, ‘कप्तान साहब, अगर आपके पास पंजाब की जनता को बिजली संकट से परेशान करने के लिए कुछ समय है तो उस मंत्री पर ध्यान दें जिनके लाखों रुपये के बिजली बिल बकाया है और उन पर अपना आशीर्वाद बरसाएं.’
नवजोत सिद्धू पर पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन का 8,67,540 रुपये बकाया
रिकॉर्ड के मुताबिक, नवजोत सिद्धू पर पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन का 8,67,540 रुपये बकाया है. बता दें, पंजाब सरकार ने गुरुवार को सरकारी कार्यालयों के समय को कम कर दिया था और उच्च ऊर्जा खपत वाले उद्योगों को बिजली आपूर्ति में कटौती का आदेश दिया. इसके पीछे जो वजह रही वो ये कि इसकी मांग एक दिन में 14,000 मेगावाट से अधिक हो गई थी.