वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि इस सप्ताह के अंत तक 16 करोड़ अमेरिकियों का पूरी तरह से कोरोना टीकाकरण हो जाने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि देश घातक वायरस से अपनी आजादी की घोषणा करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा करीब है। देश में जनवरी से कोरोना के मामलों और मौतों में 90 प्रतिशत की कमी आई है। इसके मद्देनजर उन्होंने कहा कि पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लाखों अमेरिकी अब अपना जीवन कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से पहले की तरह जी रहे हैं।
बाइडन ने कहा, ‘आज अपनी कोविड-19 टीम से एक ब्रीफिंग प्राप्त करने के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि हम अपने युद्धस्तर पर प्रयासों के कारण, केवल 150 दिनों में 30 करोड़ डोज लगाने और भी करीब आ रहे हैं। 18.2 करोड़ से अधिक अमेरिकियों ने कम से कम वैक्सीन की एक खुराक मिल गई है। इसमें लगभग 90 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिक और 27 वर्ष से अधिक आयु के 70 प्रतिशत वयस्क शामिल हैं।’
अपनी कोविड टीम से ब्रीफिंग मिलने के बाद बाइडन ने कहा, ‘इस सप्ताह के अंत तक, 16 करोड़ अमेरिकियों का पूरी तरह से कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। यह एक ऐसा लक्ष्य है जिसे मैंने मार्च में निर्धारित किया था और मैं रोमांचित हूं कि हम चार जुलाई के कुछ ही दिनों बाद इसे हासिल करने जा रहे हैं। इसलिए, हमारे पास पूरी तरह से टीकाकरण वाले 16 करोड़ अमेरिकी होंगे।’
बाइडन ने आगे कहा कि व्यवसाय फिर से खुल रहे हैं और अनुमानित आर्थिक विकास चार दशकों में सबसे अधिक है। इसका लब्बोलुआब यह है: वायरस जा रहा है और अमेरिका वापस आ रहा है। हम एक साथ वापस आ रहे हैं। यह अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है और आप अमेरिकी लोगों ने इसे संभव बनाया है। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि वायरस के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई खत्म नहीं हुई है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी वैक्सीनेट नहीं हुए हैं, जिससे उनके समुदायों को खतरा है।
दक्षिण कोरिया में दिसंबर के बाद सबसे ज्यादा मामले
दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटों में 1,200 से अधिक नए कोरोना के मामले सामने आए हैं। दिसंबर के अंत के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मामलों का आंकड़ा है। प्रधानमंत्री किम बू-क्यूम ने बुधवार को कोरोना लेकर बैठक में बताया। किम ने कहा कि अगले कुछ दिनों के लिए शारीरिक दूरी के उपायों को बढ़ाया जाएगा और अधिकारी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या मौजूदा नियमों को सख्त किया जाए। देश अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट के कारण महामारी की चौथी लहर से जूझ रहा है।