देश को कोवैक्स ग्लोबल वैक्सीन शेयरिंग प्रोग्राम के जरिए विदेशों में बनी कोरोना वैक्सीन जल्द मिलने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक इसमें फाइजर और मॉडर्ना की 3 से 4 मिलियन डोज आने की संभावना है. भारत वैक्सीन के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर और कोवैक्स के लिए के लिए वैक्सीन का सबसे बड़ा सोर्स था. अप्रैल में कोविड की नई लहर के बाद करीब 66 मिलियन डोज को मुहैया कराने के बाद इसने वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगा दी.
कोवैक्स अगस्त महीने की शुरुआत में अमेरिका में बनाई गई वैक्सीन को भारत भेज सकता है. GAVI एक ग्लोबल वैक्सीन अलायंस है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर Covax चला रहा है. GAVI के प्रवक्ता ने कहा है कि बातचीत चल रही थी कि यूएस की दान की गई वैक्सीन की डोज जल्द भारत पहुंच सकें. हम कानूनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही जल्द भारत को वैक्सीन देने के लिए तत्पर हैं.
अमेरिका ने दान की वैक्सीन
जून में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया था कि यूएस फाइजर की 500 मिलियन वैक्सीन डोज दान करेगा. भारत ने अब तक 359.6 मिलियन वैक्सीन की डोज अपनी आबादी को लगाई है, चीन ने अपनी 944 मिलियन जनसंख्या में से करीब 31 फीसदी को पहली डोज लगा दी है. भारत इस वक्त कोवैक्सिन और कोविशील्ड पर निर्भर है.
जॉनसन एन्ड जॉनसन से सप्लाई को लेकर बात
दिसंबर तक देश की पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीन देने के लिए देश को हर रोज 10 मिलियन डोज की जरूरत होगी. भारत ने पिछले सप्ताह एक दिन में करीब 4 मिलियन डोज लगाई थीं. भारत वैक्सीन सप्लाई के लिए पहले जॉनसन एंड जॉनसन से बातचीत कर रहा है. J&J ने भारत की बायोलॉजिकल ई के साथ करार किया है, हालांकि अभी इसका प्रोडक्शन शुरू नहीं हो सका है.