Ration Card Update: खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग जल्द ही फूड सिक्योरिटी एक्ट के मानकों में बदलाव करने जा रहा है। इन बदलावों के लागू होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को उचित मूल्य की दुकान से राशन का लाभ नहीं मिलेगा। फूड सिक्योरिटी एक्ट के नए मानक तय करने के लिए विभाग राज्यों के साथ कई बैठकें कर चुका है। इन बैठकों के बाद नए मानकों का प्रारूप लगभग तय किया जा चुका है और इसी महीने नए मानकों के लागू होने की उम्मीद है। इसके बाद कई लोग वन नेशन वन राशन कार्य योजना की सुविधा के लिए पात्र नहीं रहेंगे। नए मानक तय होने के बाद भविष्य में इसी के आधार पर राशन कार्ड के लिए लोगों की पात्रता तय की जाएगी। मौजूदा समय में देश के 80 करोड़ लोगों को फूट सिक्योरिटी का लाभ मिल रहा है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 1.21 अरब है। ऐसे में भारत लगभग 66 फीसदी आबादी फूड सिक्योरिटी का लाभ ले रही है। इसमें कई लोग ऐसे भी हैं, जो आर्थिक रूप से संपन्न हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार फूड सिक्योरिटी के मानकों में बदलाव कर रही है।
जरूरतमंदों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है बदलाव
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि मानकों में बदलाव को लेकर पिछले छह महीने से राज्यों के साथ बैठक की जा रही है। राज्यों ने जो सुझाव दिए हैं उनको ध्यान में रखते हुए पात्रों के लिए नए मानक तैयार किए जा रहे हैं। ये मानक इसी महीने फाइनल कर दिए जाएंगे। नए मानक लागू होने के बाद केवल पात्र व्यक्तियों को ही फूड सिक्योरिटी का लाभ मिलेगा, अपात्र लोग लाभ नहीं पा सकेंगे। यह बदलाव जरूरतमंदों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
सरकार के ऊपर कम होगा बोझ
देश में बड़ी संख्या में अपात्र लोग भी वन नेशन वन राशन कार्ड योजना का लाभ ले रहे हैं। ऐसे में सरकार के ऊपर बड़ी मात्रा में राशन उपलब्ध कराने का बोझ बना हुआ है। अपात्रों के इस सूची से बाहर होने के बाद सरकार के ऊपर से यह बोझ कम होगा। इसके बाद यही फंड दूसरे कामों में लगाया जा सकेगा, जिससे जरूरतमंदों की मदद होगी।
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने बताया है कि दिसंबर 2020 तक ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना’ 32 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में में लागू हो चुकी है। देश के 69 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। एनएफएसए के तहत आने वाली 86 फीसदी आबादी इस योजना का लाभ ले रही है। इनमें से करीब 1.5 करोड़ लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर उचित मूल्य की दुकान से राशन खरीद पा रहे हैं।