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महंगाई के मोर्च पर आम आदमी को थोड़ी राहत, जून में खुदरा महंगाई दर गिरकर हुई 6.26 फीसदी

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पेट्रोल-डीजल, एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी के बढ़ते दाम के बीच महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है। जून में खुदरा महंगाई दर गिरकर 6.26 फीसदी हो गई। जबकि इससे एक महीने पहले मई में खुदरा महंगाई दर 6.30 फीसदी रही थी। हालांकि जून में खाद्य महंगाई दर में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मई में खाद्य महंगाई दर 5.01 फीसदी थी, जो जून में बढ़कर 5.15 फीसदी हो गई। मई के मुकाबले जून में खाने-पीने की चीजें थोड़ी महंगी हुईं। जून में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से ऊपर रहने के पीछे पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी को बड़ा कारण बताया जा रहा है।

मई में ही महंगाई दर का आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दायरे से भी बाहर निकल गया था और जून में भी 6 फीसदी से ऊपर ही खुदरा महंगाई दर रही थी। आरबीआई ने दायरा 2-6 फीसद तय किया था। सरकार ने जून 2021 के लिए IIP का डाटा 12 जुलाई को जारी किया है। इस साल फरवरी तक IIP की ग्रोथ नकारात्मक थी। सरकार ने कहा कि पिछले साल मार्च 2020 से कोरोनावायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन था जिसकी वजह से पिछले साल के ग्रोथ के आंकड़ों पर गौर करना चाहिए।

मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन (MoSPI) की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक, पिछले साल मई में बहुत ज्याद लो बेस इफेक्ट रहने के कारण इस साल मई में भारत के औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ 29.3 फीसदी रही। कम लो बेस इफेक्ट के कारण ही अप्रैल 2021 में IIP की ग्रोथ 134 फीसदी थी। इस साल मार्च IIP की ग्रोथ 22.4 फीसदी दर्ज की गई थी।

एनएसओ (NSO) के अनुसार, ईंधन व बिजली की महंगाई दर जून 2021 में 12.7 फीसदी है, जो मई में 11.6 फीसदी पर थी। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से जारी औद्योगिक उत्‍पादन (IIP) के आंकड़ों के अनुसार, साल-दर-साल आधार पर मई 2021 में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अगर बात कोरोना संकट से पहले मई 2019 की करें तो इस साल मई में औद्योगिक उत्‍पादन में 13.4 फीसदी की गिरावट देखी गई। इससे पहले पिछले साल के मुकाबले अप्रैल 2021 के दौरान इसमें 134 फीसदी और मार्च में 22.4 फीसदी की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।