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प्रमोशन स्वीकार करने पर घर से दूर जाना होगा, इसलिए जिले के 52 फीसदी शिक्षकों ने हेडमास्टर बनने से कर दिया इंकार

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शिक्षक पद से प्रधानपाठक पद पर पदोन्नति लेने से इनकार कर दिया है। करीब 10-12 साल बाद उनका प्रमोशन किया गया है। 355 शिक्षकों ने आंशिक संशोधन के बाद पदोन्नति स्वीकार कर ली है। हेडमास्टर बनने इनकार करने वालों में दुर्ग जिले के 109 में से 76 शिक्षक हैं।

संयुक्त संचालक दुर्ग ने बालोद, दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव के मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर के रिक्त 699 पदों में वरिष्ठ शिक्षकों की पदोन्नति के आदेश जून के पहले सप्ताह में जारी किए।दुर्ग जिले में 109 शिक्षकों को मिडिल स्कूल के हेडमास्टर पद पर पदोन्नति दी गई थी। जिसमें से 76 ने पदोन्नति नहीं ली है। इसी तरह राजनांदगांव में 450 में से 226 शिक्षकों ने प्रमोशन नहीं लिया। बालोद जिले में 73 शिक्षकों में से 30 शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं की। कबीरधाम में 32 में से 10 शिक्षकों ने इससे इनकार कर दिया। बेमेतरा जिले में 35 शिक्षकों में से 10 ने पदोन्नति नहीं ली। इस तरह 52% ने पदोन्नति लेने से मना कर दिया।
प्रमोशन छोड़ने वाले ज्यादातर शिक्षक वर्तमान में अपने घर के नजदीक के स्कूल में पदस्थ हैं। मिडिल हेडमास्टर के खाली पद एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में थे। इस स्थिति में शिक्षकों को 25 से 40 किलोमीटर दूर पदस्थापना मिली।पदोन्नत पद के समान ही वर्तमान वेतनमान: विभाग ने उच्च वर्ग शिक्षक,प्राथमिक हेडमास्टर स्नातक उत्तीर्ण को मिडिल हेडमास्टर के जिस पद पर प्रमोशन दिया है, वर्तमान में उच्च वर्ग शिक्षक और प्राथमिक हेडमास्टर स्नातक उत्तीर्ण का वेतनमान, पदोन्नत पद मिडिल हेडमास्टर का वेतनमान समान है।

पदोन्नति पाकर छोड़ने वाले शिक्षकों में 5% की आयु 59 साल या इससे अधिक है। ऐसे शिक्षक तीन साल बाद यानी 62 साल में रिटायर हो जाएंगे। ऐसी शिक्षकों को अपने घर से दूर जाना उचित नहीं समझा और पदोन्नति लेने से मना कर दिया है। नए स्थानों में उनकी पदस्थापना भी की। ऐसे में जो शिक्षक पहले घर के काफी नजदीक स्थित स्कूलों में पढ़ा रहे थे, वहां उन्हें अब करीब 20 से 24 किलोमीटर दूर जाना होगा।