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डेल्टा का खतरा बरकरार: 99 फीसदी से ज्यादा संक्रमित मरीजों में मिल रहा है यह वैरिएंट, अभी भी देश में है मौजूद

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अपने देश में कहर बरपाने के बाद पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा डेल्टा वैरिएंट अभी हमारे मुल्क से गया नहीं है। देश में रोजाना मिलने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों में 99 फीसदी से ज्यादा में डेल्टा वैरिएंट ही मिल रहा है। यही वजह है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर इस वायरस पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गयी है। क्योंकि विशेषज्ञों को डर है अगर एक बार यह फिर से लोगों में गुणात्मक तरीके से संक्रमित करने लगा तो हालात बहुत बुरे हो सकते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आईसीएमआर ने बुधवार को अपनी ओर से भेजी गई रिपोर्ट में अपडेट किया है कि देश में अभी भी खतरा बरकरार है। नेशनल कोविड टास्क फोर्स के सदस्य सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि अपने देश में अभी भी सबसे ज्यादा संक्रमित मरीजों की संख्या डेल्टा वैरिएंट की ही है। यह वही वैरिएंट है, जिसने अप्रैल और मई में अपने देश में भीषण तबाही मचाई थी। डॉक्टर अरोड़ा कहते हैं यह अलग बात है कि संक्रमित लोगों की संख्या कम हुई है, लेकिन उतनी भी कम नहीं है कि हम चैन से बैठ सकें। वह बताते हैं अभी तक कोरोना के जितने भी वैरिएंट आए उनमें सबसे ज्यादा खतनाक और सबसे ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला डेल्टा वैरिएंट ही रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अपने देश में इस वक्त जितने भी संक्रमित मरीज हैं और रोजाना जितने संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, उनमें 99 फीसदी से ज्यादा लोगों में डेल्टा वैरिएंट की ही पुष्टि हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक यह न सिर्फ चौंकाने वाली बात है बल्कि लोगों को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की भी जरूरत है। क्योंकि इस वायरस की मारक क्षमता और संक्रमण फैलने की क्षमता में कोई कमी नहीं दर्ज हुई है। यही वायरस दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में इस वक्त भीषण तबाही भी मचा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को इस बात का पूरी तरीके से ध्यान रखना होगा।

लैंब्डा से है खतरा

डॉक्टर एनके अरोड़ा का कहना है कि डेल्टा वैरीएंट के अलावा लैंब्डा से भी खतरे की आशंका बनी हुई है। हालांकि अपने देश में अब तक इस तरीके के कोई भी मामले सामने नहीं आए हैं लेकिन आईसीएमआर और वैज्ञानिकों की पूरी टीम इस पर नजर बनाए हुए है।