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कैप्टन-सिद्धू विवाद: हरीश रावत के एक बयान से दोबारा भड़की चिंगारी, अब बोले पंजाब प्रभारी- गलत मतलब निकाला गया

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दो दिन पहले तक पंजाब कांग्रेस में चल रहा विवाद सुलझने के पूरे आसार बन गए थे। आलाकमान और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच नवजोत सिद्धू को समुचित जगह देने पर सहमति लगभग बन गई थी। इसी बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत का एक बयान आया और बनती बात बिगड़ गई।

एक मीडिया हाउस को दिए बयान में रावत ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में सुलह का फार्मूला तैयार है। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इस बयान के बाद कलह फिर शुरू हो गई। नाराज सिद्धू और कैप्टन ने अपने अपने समर्थकों के साथ बैठक की तो रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की। हालांकि बैठक के बारे में कहा गया कि ये उत्तराखंड मसले पर थी। लेकिन इस बैठक के बाद रावत ने सफाई में कहा कि उनके बयान को अलग तरीके से पेश किया गया।

रावत ने कहा कि जब तक पार्टी प्रधान सोनिया गांधी कोई घोषणा नहीं करती तब तक कुछ फाइनल नहीं है। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान पद देने के बारे में रावत ने कहा कि ऐसा कुछ अभी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार प्रधान पद पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आलाकमान ने संतोष चौधरी और शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला को कार्यकारी प्रधान पद की जिम्मेदारी देने का मन बना लिया है। इधर, नाराज चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप बाजवा के लिए भी फॉर्मूले में अहम जिम्मेदारी तय की गई है। अहम जिम्मेदारी के रूप में 2022 में होने वाले चुनाव के लिए उन्हें मैनिफेस्टो कमेटी का प्रधान बनाया जाना तय माना जा रहा है।

वहीं पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच शुक्रवार को विधायक नवजोत सिद्धू और पार्टी की अंतरिम प्रधान सोनिया गांधी की मीटिंग खत्म हो गई है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत भी बैठक में मौजूद रहे। बैठक के बाद रावत ने कहा कि वे सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपने आए थे। पंजाब कांग्रेस प्रधान के बारे में रावत ने कहा कि इसके बारे में बताया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, रावत देर शाम चंडीगढ़ आएंगे और वहीं पार्टी की कलह को खत्म करने का कोई समाधान बताया जाएगा।