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दालों की स्टॉक लिमिट पर बड़ा फैसला, कारोबारियों, मिलों और इंपोर्टर्स को राहत

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के बाद कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे किसानों को काफी मदद मिलेगी. केंद्र सरकार ने कीमतों में नरमी आने, राज्य सरकारों विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए मिल मालिकों एवं थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा में ढील दी है आयातकों को इससे छूट दी गई है. हालांकि इन संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के वेब पोर्टल पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी. स्टॉक सीमा केवल तुअर, उड़द, चना मसूर दाल पर लागू होगी.

31 अक्टूबर तक की अवधि के लिए लागू रहेगा नया आदेश

संशोधित आदेश में प्रावधान किया गया है कि स्टॉक सीमा केवल अरहर, मसूर, उड़द चने पर 31 अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के लिए लागू रहेगी. यह निर्णय लिया गया है कि दालों के आयातकों को स्टॉक सीमा से छूट दी जाएगी वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (fcainfoweb.nic.in) पर दालों के स्टॉक की घोषणा करना जारी रखेंगे. थोक विक्रेताओं के लिए, स्टॉक सीमा 500 मीट्रिक टन होगी (बशर्ते एक किस्म की 200 मीट्रिक टन से अधिक का स्टॉक नहीं होना चाहिए. खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक की सीमा 5 मीट्रिक टन होगी मिल मालिकों के लिए स्टॉक की सीमा पिछले 6 महीने का उत्पादन या वार्षिक स्थापित क्षमता का 50 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो) खरीफ मौसम में अरहर उड़द की बुवाई के इस महत्वपूर्ण समय पर किसानों को आश्वासन देने के मामले में मिल मालिकों के लिए इस छूट का डाउन-स्ट्रीमिंग प्रभाव होगा.

संबंधित कानूनी संस्थाएं उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (fcainfoweb.nic.in) पर अपने स्टॉक की घोषणा करना जारी रखेंगी यदि उनके पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो वे इसे इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन में निर्धारित स्टॉक सीमा के भीतर लाएंगी. यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि भारत सरकार दालों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है 14 मई, 2021 को विभिन्न श्रेणियों के हितधारकों द्वारा दालों के स्टॉक की घोषणा करने उसके बाद 2 जुलाई 2021 को दालों पर स्टॉक सीमा निर्धारित करने जैसे विभिन्न उपाय किए हैं.

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों व दलहन व्यापार में शामिल सभी हितधारकों के सक्रिय सहयोग से दो महीने की छोटी सी अवधि में संस्थानों ने 8343 पंजीकरण किए विभाग के वेब पोर्टल पर 30.01 लाख मीट्रिक टन से अधिक के स्टॉक की घोषणा की गई.