Home क्षेत्रीय खबरें / अन्य खबरें सार्वभौमिक हैं मानवाधिकार और लोकतंत्र का सिद्धांत : भारत

सार्वभौमिक हैं मानवाधिकार और लोकतंत्र का सिद्धांत : भारत

102
0

 भारत ने कहा है कि मानवाधिकार और लोकतंत्र सार्वभौमिक हैं और ये किसी एक विशेष राष्ट्रीय अथवा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य से परे हैं। भारत का यह बयान अमेरिका के उस बयान का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उसने कहा है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भारत के आगामी दौरे में मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर बात करेंगे।

सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि भारत दीर्घकाल से ही एक बहुलतावादी समाज रहा है। भारत उन देशों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है जो विविधता के मूल्य को अब पहचानने लगे हैं।

एक सूत्र के मुताबिक भारत का मानना है कि मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दे सार्वभौमिक हैं और किसी एक विशेष राष्ट्रीय अथवा सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य से परे हैं। भारत को इन दोनों ही क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों पर गर्व है और वह इन क्षेत्रों में अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उत्साहित है।

गौरतलब है कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दो-दिवसीय दौरे के लिए मंगलवार को भारत पहुंचेंगे।

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि अमेरिकी विदेश मंत्री अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य के मुताबिक ब्लिंकन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे।

अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री डीन थॉम्प्सन ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि ब्लिंकन अपनी यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों के समक्ष मानवाधिकारों और लोकतंत्र जैसे मुद्दों को उठाएंगे।

थॉम्प्सन ने संवाददाताओं से कहा, ” जहां तक मानवाधिकारों और लोकतंत्र की बात है, मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हम भारत के सामने इन मुद्दों को उठाएंगे। हम इन मुद्दों पर बातचीत को जारी रखना चाहते हैं, क्योंकि हम दृढ़ता से इस बात को मानते हैं कि दोनों देशों के बीच लोकतंत्र और मानवाधिकारों को लेकर साझा मूल्य हैं।”

थॉम्प्सन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ” हमारा मानना है कि मानवाधिकारों और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर साझेदारी को लेकर भारत के साथ होने वाली बातचीत काफी महत्वपूर्ण हो सकती है।”

अमेरिका के विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद ब्लिंकन का यह पहला भारत दौरा होगा।