जोजिला में खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कारगिल विजय दिवस पर द्रास नहीं पहुंच पाए। उन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी सैनिकों को बारामुला स्थित डैगर युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। वह अब गुलमर्ग के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का दौरा करेंगे और सैनिकों से बातचीत करेंगे। 2019 में भी खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस में शामिल नहीं हो पाए थे।
बता दें कि रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 4 दिवसीय दौरे के पहले दिन कश्मीर पहुंच थे। सोमवार को कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर द्रास में स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में राष्ट्रपति का कार्यक्रम था। इस बीच राष्ट्रपति उत्तरी कश्मीर के बारामुला पहुंच चुके हैं। गुलमर्ग में स्थित हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (हॉज) जाएंगे। वह जवानों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह श्रीनगर की डल झील के किनारे स्थिति एसकेआईसीसी में 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कश्मीर विश्वविद्यालय के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। 28 जुलाई की सुबह वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
कश्मीर घाटी में कड़ा सुरक्षा पहरा
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए कार्यक्रम स्थल से लेकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। सभी प्रमुख नाकों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां तक कि डल झील के आसपास डलगेट से लेकर निशात बाग तक चार दिन ट्रैफिक चलने की अनुमति भी नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों जिनकी वहां बुकिंग है, उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। झील में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की वाटर विंग के जवानों को भी तैनात रखा गया है जो लगातार गश्त कर रहे हैं।