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विरोध-प्रदर्शनों के पीछे कौन: वैक्सीन-लॉकडाउन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं दुनियाभर के धुर-दक्षिणपंथी गुट

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ऑस्ट्रेलिया में लॉकडाउन और कोरोना टीकाकरण के विरोध में हुए प्रदर्शनों के पीछे जर्मनी के एक समूह का हाथ था। ये बात पुलिस जांच से सामने आई है। बीते शनिवार को दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन और टीकाकरण विरोधी प्रदर्शन हुए थे। इस सिलसिले में ऑस्ट्रेलियाई शहर सिडनी में 60 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। उनसे पूछताछ से मालूम हुआ कि कॉन्सपिरेसी थ्योरी (साजिश का सिद्धांत) फैलाने वाले एक जर्मन गुट की इन प्रदर्शनों के लिए लोगों को भड़काने में बड़ी भूमिका रही।

सिडनी पुलिस के मुताबिक जिस गुट ने इन प्रदर्शनों के लिए माहौल बनाया, उसके कुछ लोगों का संबंध धुर दक्षिणपंथी समूहों से है। प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर हिंसा और प्रदर्शनकारियों की पुलिस से मुठभेड़ हुई। पुलिस के मुताबिक लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन कोरोना महामारी के आरंभ से होते रहे हैं। लेकिन अब तक ये शांतिपूर्ण रहते थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शनिवार को प्रदर्शनकारी जिस तरह हिंसक मूड में नजर आए, उसे देख कर वे भौंचक रह गए।

अब सामने आया है कि शनिवार के प्रदर्शनों के पहले टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और फेसबुक पोस्ट के जरिए इसके लिए माहौल बनाया। उस दौरान वैक्सीन और लॉकडाउन के पीछे कथित साजिश होने की बातें फैलाई गईं। उन पोस्ट के साथ ऐसे वेब पेज शेयर किए गए, जिनमें अवैज्ञानिक बातें लिखी हुई थीं। पुलिस के मुताबिक इंटरनेट पर अब ऐसे हजारों पेज हैं, जिन्हें धुर दक्षिणपंथी गुटों ने महामारी के दौरान तैयार किया है।

शनिवार के प्रदर्शनों को भड़काने वाले जर्मन गुट की पहचान ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने ‘वर्ल्डवाइड डेमोंस्ट्रेशन’ के रूप में की है। इस ग्रुप के फेसबुक पेज के 45 हजार और टेलीग्राम चैनल के 70 हजार फॉलोवर हैं। इस ग्रुप ने अलग-अलग देशों में प्रदर्शनों को भड़काने के लिए अलग-अलग पेज तैयार किए थे। इसे चलाने वाले लोगों ने खुद की पहचान ‘आजाद नागरिक’ के रूप में कर रखी है। बताया जाता है कि गुट के सोशल मीडिया पेजों के दो एडमिन जर्मन और एक ब्रिटिश है।

बताया जाता है कि इस गुट ने ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शनों के लिए टेलीग्राम अकांउट बीते 26 जून को बनाया था। तभी से इसके लिए पोस्ट डाले जाने लगे। उस पर अलग-अलग शहरों में होने वाले प्रदर्शनों की तारीख और पूरे कार्यक्रम का ब्योरा भी पोस्ट किया गया।

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस गुट के फेसबुक और टेलीग्राम अकाउंट पर वैक्सीन और कोविड-19 को लेकर तरह-तरह की साजिशों का जिक्र है। उन पर अमेरिकी कॉन्सपिरेसी थ्योरी गुट क्यूअनॉन की राय से मिलते-जुलते पोस्ट हैं। साथ ही इस्लामोफोबिया से भरे पोस्ट भी इस पर बड़ी संख्या में हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक एक पहले हुई जांच में भी वर्ल्डवाइड डेमोंस्ट्रेशन का नाम आया था। इस गुट ने बीते मार्च और मई में भी प्रदर्शनों का आयोजन किया। आज इस गुट की क्षमता इतनी बढ़ चुकी है कि वह एक साथ दुनिया के अनेक शहरों में सौ से ज्यादा प्रदर्शन आयोजित कर सकता है।

ऑस्ट्रेलिया में हुए प्रदर्शनों को ‘ऑस्ट्रेलिया फ्रीडम रैली’ का नाम दिया गया। ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न स्थित एक गुट ने वहां रैली आयोजित की थी। उसका संबंध भी अब वर्ल्डवाइड डेमोंस्ट्रेशन से पाया गया है। इसे इस बात का संकेत माना गया है कि धुर दक्षिणपंथी गुटों ने दुनियाभर में अपने मनमाफिक समूहों के साथ तालमेल बना लिया है।