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राजस्थान, MP से लेकर बिहार तक बाढ़ की मार, आफत हजार; लाखों लोग प्रभावित

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 महाराष्ट्र (Maharashtra) के बाद अब लगातार बारिश से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्थान (Rajasthan), पश्चिम बंगाल (West Bengal), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) में हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं. मौसम विभाग ने भी अनुमान लगाया है कि एमपी में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश हो सकती है. तेज बारिश के अलावा इन राज्यों में बाढ़ ने भी मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. खबर है कि बंगाल में बाढ़ से 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, अन्य राज्यों में निचले इलाकों में रहने वाले हजारों परिवार बेघर हो गए हैं.


राजस्थान

राजस्थान के बारां और कोटा में बारिश ने जमकर कहर मचाया है. दोनों क्षेत्रों में करीब 530 लोगों को फंसे होने की खबर है. फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशनि जारी है. कोटा संभाग की प्रमुख 25 नदियों में से 20 उफान पर हैं. कोटा शहर में कई कॉलोनियां अभी भी जलमग्न हैं. यहां बचाव कार्य में सेना की मदद ली गई है. कोटा में सेना की एक टुकड़ी देर रात सांगोद पहुंची. प्रदेश के कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ जिलों में पिछले 8 दिनों से भारी बारिश हो रही है.

इधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी बाढ़ से बिगड़ते हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं. उन्होंने लोगों के रेस्क्यू के लिए विशेष हेलीकॉप्टर मंगाया है. बिरला के निर्देश पर एनडीआरफ के तीनों टीमें तैनात हैं. वे शाम को अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

मध्य प्रदेश
शिवपुरी जिले में आने वाले कूनो और सिंध नदी उफान पर हैं. भाषा के अनुसार, चंबल एवं ग्वालियर संभाग में चार दिनों से आई बाढ़ के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है. अशोकनगर जिले में बाढ़ में फंसे करीब 50 लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम वहां शुक्रवार रात को पहुंच गई. प्रदेश के 6 जिलों शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर के डाबरा-भितरवार में बाढ़ के चलते कई घर तबाह हो गए हैं. इन इलाकों से करीब 10 हजार परिवारों के बेघर होने की खबर है.

उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी में जलस्तर का बढ़ना जारी है. दोनों नदियां खतरे के निशान से करीब एक मीटर ही नीचे बह रही है. तट के आसपास के कई इलाकों में पानी भर गया है. सिंचाई विभाग की ओर जारी चेतावनी के मुताबिक, आज शाम तक गंगा और यमुना खतरे के निशान 84.734 मीटर को पार कर सकती है, जिसके बाद हालात और बिगड़ सकते हैं. प्रशासन ने पूरे जिले में 98 बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड में रखा है. बाढ़ के कहर के चलते कानपुर देहात के यमुना किनारे बसे लगभग एक दर्जन गांव जलमग्न हैं. प्रयागराज में करीब 3000 घरों के डूबने का खतरा बना हुआ है.

बिहार
बिहार और आसपास के राज्यों में पिछले दिनों हुई भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं. ऐसे में कटिहार में गंगा के किनारे बसे इलाके में कटाव का कहर जारी है. भागलपुर के सबौर प्रखंड स्थित रजनदीपुर पंचायत के मोदी टोला में गंगा के जलस्तर बढ़ने के साथ ही गंगा का पानी गांव में प्रवेश कर गया है. गांव की सड़कों पर जहां 2 से 3 फीट पानी चल रहा है. वही आसपास के खेतों में भी पानी भर चुका है. मुंगेर में गंगा का जलस्तर 38.64 मीटर तक पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से महज 0.69 मीटर नीचे है. जिले के कई निचले इलाकों को बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने के कारण लोग अब पलायन करने लगे हैं. जिला प्रशासान के द्वारा कष्टहरणी गंगा घाट को बंद कर दिया गया है.