राजस्थान के 6 जिलों में होने वाले पंचायतीराज चुनाव (Rajasthan Panchayati Raj Election) जीतने के लिए कांग्रेस (Congress) में बड़े स्तर पर कवायद जारी है. चुनाव का रण जीतने के लिए योग्य प्रत्याशियों की तलाश की जा रही है. पार्टी के जिला प्रभारी अपने प्रभार वाले जिलों में विधायकों और स्थानीय नेताओं के साथ टिकट के दावेदारों के नामों पर मंथन करने में जुटे हैं. संभावित दावेदारों से वन टू वन मुलाकात भी की जा रही जा रही है. दावेदारों से वन टू वन मुलाकात के दौरान उनसे जीत के समीकरणों को लेकर पूछा जा रहा है तो स्थानीय कार्यकर्ताओं से जिताऊ उम्मीदवारों के नाम मांगे जा रहे हैं.
पीसीसी सचिव ललित तुनवाल के मुताबिक कुछ जिला प्रभारी और जिला सचिव अपने प्रभार वाले जिलों का दौरा कर वापस भी लौट आए हैं. इन जिला प्रभारियों ने तीन-तीन नामों के पैनल पीसीसी चीफ को सौंप भी दिए हैं. अब पीसीसी की ओर से जल्द ही नेताओं से रायशुमारी कर टिकट फाइनल किए जाएंगे. पीसीसी पदाधिकारियों का कहना है कि एक-दो दिन में ही सिंबल का आवंटन प्रत्याशियों को कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि टिकट वितरण में विधायकों की राय को प्राथमिकता मिलेगी.
पिछली बार मिली थी शिकस्त
राजस्थान के जिन 6 जिलों में पंचायत और जिला परिषद के चुनाव हो रहे हैं उनमें जयपुर, भरतपुर, दौसा, जोधपुर, सवाई माधोपुर और सिरोही जिले शामिल हैं. इन जिलों में 200 जिला परिषद सदस्य, 1564 पंचायत समिति सदस्य, 6 जिला प्रमुख, 6 उप जिला प्रमुख, 78 प्रधान और उप प्रधानों के लिए चुनाव होना है. खास बात यह है कि बीते पंचायत और जिला परिषद चुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. 21 जिला परिषदों में से कांग्रेस के खाते में केवल 5 जिला परिषद ही गए थे जबकि 12 पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया था.
कांग्रेस सरकार के ढाई साल के कामकाज पर जनता से मांगेगी वोट
पिछली शिकस्त को देखते हुए कांग्रेस इस बार ज्यादा मशक्कत के साथ इस चुनाव में जुटी है. प्रदेश में पिछले करीब ढाई साल से कांग्रेस की सरकार है और पंचायतीराज चुनाव में भी पार्टी सरकार के ढाई साल के कामकाज को मुद्दा बनाकर जनता से वोट मांगेगी. पंचायतीराज चुनाव में कांग्रेस का बोलबाला रहा है और पार्टी को उम्मीद है कि इस बार के चुनाव में भी पार्टी अपना रुतबा कायम रख पाएगी.