मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के जबलपुर से बड़ी खबर है. यहां विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट के सरस्वती घाट से प्रशासन ने अवैध होटल को तोड़ दिया. प्रशासन की कार्रवाई के दौरान अवैध कब्जे के आरोपी की पत्नी और बेटी ने जमकर हंगामा किया और प्रशासनिक कार्रवाई में बाधा डाली. आरोपी की बेटी ने जेसीबी मशीन पर चढ़कर कार्रवाई रोकने की कोशिश की. पुलिस को दोनों महिलाओं को काबू करने में मशक्कत करनी पड़ी.
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि विजय सिंह लोधी ने सरकार की 5 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर कब्जा कर लिया. वह यहां करोड़ों की लागत से होटल बना रहा था. उसने ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग और ऊपरी दो फ्लोर पर कमरे बनवा लिए थे. जब इस बारे में विजय सिंह लोधी से पूछताछ हुई तो वह होटल को धर्मशाला बताने लगा. गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने नर्मदा से 300 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद विजय ये हिमाकत कर रहा था.
बार-बार मशीन के आगे आ जातीं मां-बेटी
प्रशासन ने अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई जैसे ही शुरू की और बिल्डिंग का एक हिस्सा तोड़ा, तो विजय की पत्नी और वहां पहुंच गईं. मां-बेटी बार-बार जेसीबी के आगे जाकर कार्रवाई रोकने का प्रयास करती रहीं. लगभग एक घंटे तक पूरा परिवार ड्रामा करता रहा. चारों यहां से कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के पास भी कार्रवाई रोकने की गुहार लेकर पहुंचे. लेकिन, कलेक्टर से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी. एक अन्य अधिकारी ने शिकायत लेते हुए हाई कोर्ट के आदेश और शासकीय जमीन का हवाला देकर कार्रवाई रोकने से मना कर दिया.
जबलपुर की इस खबर पर भी डालें नजर
सियासत दलों के बीच जुबानी जंग का विषय बना जनसंख्या नियंत्रण कानून मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है. कोर्ट में 8 सितंबर को सुनवाई होने जा रही है. इस बीच एक महत्वपूर्ण तथ्य भी सामने आया है जिस पर एक बार फिर जनसंख्या के मामले पर भाजपा कांग्रेस आमने-सामने हैं. दरअसल कांग्रेस ने तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के वक्त सन 2000 में जनसंख्या नियंत्रण नीति लेकर आई थी लेकिन किन्ही कारणों से लागू नहीं हो सकी और 2003 में प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन भी हो गया. तब से लेकर आज तक जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सिर्फ जुबानी जंग ही देखने को मिली है.
प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने कहा कि हमारी सरकार तो इस मामले में नीति लेकर आई लेकिन जब 2003 से प्रदेश में 15 साल तक भाजपा का शासन रहा तब जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पूर्व मंत्री ने अपनी व्यक्तिगत राय बताई कि यह बेहद आवश्यक है और उसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. वहीं भाजपा, कांग्रेस के बयान से उस पर ही सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी विधायक इंदु तिवारी का कहना है कि कांग्रेस क्या करना चाहती है, उसे वह खुद ही नहीं पता. अगर नीति लेकर आई थी तो जब भाजपा ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के मुद्दे को जनता के समक्ष रखा तो विरोध क्यों किया गया.