दिल्ली में नाबालिग बच्ची के कथित बलात्कार और हत्या मामले से जुड़ी फोटो पोस्ट करने के चलते फेसबुक (Facebook) भी राहुल गांधी के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पत्र लिखकर उनकी प्रोफाइल के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ की मांग की है. इससे पहले भी NCPCR ने ट्विटर को पत्र लिखा था, जिसके बाद कंपनी ने सख्त कदम उठाते हुए गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं के खाते अस्थायी रूप से बंद कर दिए थे.
शुक्रवार को फेसबुक को लिखे पत्र में आयोग ने राहुल गांधी के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर शेयर हुए वीडियो को हटाने की मांग की है. कहा गया है कि इस वीडियो में दिल्ली में कथित रूप से बलात्कार और हत्या का शिकार हुई ‘नाबालिग बच्ची के परिवार’ की पहचान उजागर हो रही है. साथ ही आयोग ने जेजे अधिनियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की मांग की है. ट्विटर ने भी दिल्ली मामले से जुड़ी एक तस्वीर पोस्ट करने के चलते ही कांग्रेस नेता के खिलाफ कार्रवाई की थी.
लगाए थे पॉक्सो कानून के उल्लंघन के आरोप
हाल ही में NCPCR की तरफ से ट्विटर को लिखे गए पत्र में कथित बलात्कार एवं हत्या की शिकार बनी दलित लड़की के परिवार का फोटो उसके मंच पर साझा करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. साथ ही कहा कि यह किशोर न्याय एवं पॉक्सो कानूनों का उल्लंघन है. गांधी ने नौ वर्षीय इस लड़की के परिवार से बुधवार को भेंट की थी और कहा था कि वह इंसाफ की लड़ाई में इस परिवार के साथ हैं और इसमें ‘एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे.’
बाद में उन्होंने लड़की के माता-पिता के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर डालीं और लिखा, ‘माता-पिता के आंसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं- उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है. न्याय की इस राह पर मैं उनके साथ हूं.’ आयोग ने कहा था, ‘इस कथित फोटो में पीड़िता के माता-पिता के चेहरे देखे जा सकते हैं जो लड़की की पहचान उजागर करता है.’
ट्विटर की प्रतिक्रिया
इस पर ट्विटर ने कहा था राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं के अकाउंट इस वजह से बंद किये गये कि उन्होंने एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की थी जिससे उसके नियमों का उल्लंघन हुआ था और यह कार्रवाई लोगों की निजता की रक्षा और सुरक्षा के लिए की गयी. कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को भी बंद कर दिया गया था. ट्विटर ने कहा कि उसे NCPCR द्वारा सोशल मीडिया मंच पर एक खास सामग्री को लेकर सतर्क किया गया था, जिसमें कथित यौन उत्पीड़न पीड़िता (बच्ची) के माता-पिता की पहचान का कथित तौर पर खुलासा किया गया था.