मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) में एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा बारिश का दौर फिलहाल थम गया है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश से लोगों को राहत मिली थी. उसके थमने के बाद लोग उमस और गर्मी से बेहाल नजर आए. भोपाल में गुरुवार दोपहर प्रदेश की सबसे गर्म दोपहर थी. भोपाल में पारा 31 डिग्री से पार हो गया है.
मौसम विभाग ने बताया कि ग्वालियर-चंबल अंचल बाढ़ से प्रभावित हुए. लेकिन, फिर भी प्रदेश में बारिश का कोटा भी पूरा नहीं हुआ. प्रदेश में 1 जून से 13 अगस्त तक सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है. प्रदेश में 26 जिले ऐसे हैं जहां अभी भी सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई.
21 अगस्त के बाद फिर सक्रिय होगा मानसून
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल प्रदेश में बारिश के लिए कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है. प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं. मानसून ट्रफ प्रदेश से आगे बढ़ चुकी है. मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम 17 अगस्त के आसपास बन सकता है. इसके सिस्टम के निर्मित होने के 2 से 3 दिनों बाद प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां फिर शुरू हो सकती हैं
गरज-चमक के साथ पड़ सकती है बौछारें
मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मौसम फिलहाल साफ रहेगा. राजधानी भोपाल में धूप निकलने के साथ तापमान में इजाफा होगा. आने वाले 1 से 2 दिनों में तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी. रीवा, सागर, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है.
गुरुवार रहा सबसे गर्म दिन
भोपाल में गुरुवार को तापमान में बढ़ोत्तरी देखने को मिली. बारिश के थमने के साथ ही भोपाल में तापमान 31 डिग्री के पार पहुंच गया है. गुरुवार का दिन अगस्त में अब तक का सबसे गर्म दिन रहा. अभी ये तापमान और बढ़ेगा.
यूपी के 24 जिलों में बाढ़
उत्तर प्रदेश में इस समय 24 जिले बाढ़ (Flood) से प्रभावित हैं. और हैरानी की बात है कि जिन जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई वे इलाके भी बाढ़ के पानी में समां गए हैं. यूपी के बाढ़ ग्रस्त 24 जिलों में से 11 जिले कम बारिश वाले हैं. इस सवाल के जवाब से पहले कुछ आंकड़ों पर नज़र ज़रूरी है.
पी के 24 जिलों फतेहपुर, गोण्डा, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, गोरखपुर, बहराइच, गाज़ीपुर, चंदौली, आगरा, चित्रकूट, फर्रूखाबाद, कानपुर देहात, भदोही, कौशाम्बी, इटावा, वाराणसी, बलिया, हमीरपुर, बांदा, जालौन, प्रयागराज और मिर्जापुर में बाढ़ आई है. इन इलाकों की करीब 5 लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है. पहली नजर में लगता है कि इन जिलों में जमकर बरसात हुई होगी, लेकिन ऐसा नहीं है. इनमें से 11 जिलों फतेहपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, गाज़ीपुर, चंदौली, आगरा, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कौशाम्बी, इटावा और जालौन में औसत से कम बारिश हुई है. चंदौली, फर्रुखाबाद और कानपुर देहात में तो औसत से 50 फीसद यानी आधी ही बारिश हुई है, फिर भी बाढ़ आ गई.