Home देश 550 में 436 ट्रेनें फिर चालू , जल्द हो सकता है ऐलान

550 में 436 ट्रेनें फिर चालू , जल्द हो सकता है ऐलान

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भारतीय रेलवे (Indian Railways) कोरोना काल में यात्रियों के लिए भले ही रुक गई हो, लेकिन मेडिकल मदद और मालगाड़ी के तौर पर ट्रेनें दौड़ती रहीं. कहा गया है कि श्रमिकों को घर पहुंचाने में रेलवे ने अहम भूमिका अदा की और अब एक लंबे समय के बाद ट्रेनें (Trains) फिर से यात्रियों के लिए पटरियों पर तैयार है, लेकिन यात्रा का अंदाज अब बदल गया है. कोरोना काल के बाद लंबे रूट्स की लगभग सभी ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं. छोटे रूट्स की कुछ ट्रेनें अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि ये भी जल्द शुरू हो जाएंगी.

उत्तर पश्चिमी रेलवे के चारों मंडल जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और अजमेर को मिलाकर इनकी कुल 550 ट्रेनें कोरोना काल से पहले पटरियों पर दौड़ रही थींं. लेकिन कोरोना काल में इन सभी रेलों के पहिए थम गए थे. देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट जब रूक गया तो लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. अब देश धीरे धीरे अनलॉक हो रहा है तो रेलवे भी यात्रियों को अपनी मंजिल पर पहुंचाने के लिए तैयार हो गया है.

छोटे रूट की ट्रेनों का इंतजार भी जल्द खत्म होगा
केवल NWR की बात करें तो अनलॉक के बाद 550 रेलों में अब 436 ट्रेनें फिर से दौड़ने लगी हैं. इन रेलों में नियमित और साप्ताहिक दोनों शामिल हैं. हालांकि 114 रेलों के चलने का इंतजार अभी भी है. लंबे रूट पर चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें फिर से शुरू हो गई है. इनमें सुपरफास्ट, एक्सप्रेस और राजधानी ट्रेनें शामिल हैं. छोटे रूट पर चलने वाली ट्रेनों का इंतजार भी जल्द खत्म होने वाला है. कोरोना काबू में रहा तो जल्द ही नई ट्रेनों की भी घोषणाएं हो सकती है. इसके अलावा कुछ ट्रेनों के शुरू ना होने की एक वजह ये भी है कुछ रूट्स पर अपडेशन का काम चल रहा है. लिहाजा तकनीकी कारणों से भी कुछ रूट्स पर ट्रेनें नहीं चल पा रही है. जैसे ही अपग्रेडेशन पूरा कर लिया जाएगा दूसरे रूट्स की ट्रेनें भी जल्द शुरू होंगी.

ट्रेनों के संचालन में काफी बदलाव
कोरोना काल के बाद रेलों के संचालन में काफी बदलाव आया है. यात्रियों को मास्क लगाना जरूरी है. साथ में सेनेटाइजर भी ले जाना है. कोरोना काल में यात्री अपने घर की चादर और कंबल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं. ट्रेनें भले ही फिर से शुरू हो गई हों लेकिन यात्री अब सोच समझकर ही यात्रा कर रहे हैं. दूसरी लहर का खौफ अब तक लोगों के जहन से गया नहीं है. रेलवे यात्रियों का भरोसा फिर से लौटाने की कोशिश कर रहा है.