राजस्थान के 6 जिलों में हुए जिला परिषद चुनावों में 4 जिलों पर कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की है. जयपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर और दौस में कांग्रेस का जिला प्रमुख बनेगा. बीजेपी को सिर्फ सिरोही जिला परिषद में बहुमत मिला है. एक जिला परिषद भरतपुर में बीजेपी कांग्रेस में से किसी को बहुमत नहीं मिला. यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है, सत्ता की चाभी निर्दलीय और बसपा के हाथ में है.
6 जिला परिषद की 200 सीटों पर चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी 90 सीट ही जीत पाई है. तीन सीटें बीएसपी ने जबकि आठ पर निर्दलीय जीते हैं. इससे पहले दिन में घोषित 78 पंचायत समितियै के 1564 सदस्यों के चुनाव में भी कांग्रेस ने बाजी मारी. कांग्रेस ने 670 सीटें जीती तो बीजेपी को 551 पर संतोष करना पड़ा.
जयपुर और जोधपुर में कांग्रेस को मिली बड़ी सफलता
जयपुर और जोधपुर में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है. जोधपुर में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने 21 सीटों पर विजय पाई है जबकि बीजेपी को 16 पर संतोष करना पड़ा है. बात जयपुर की करें तो यहां बीजेपी को 24 और कांग्रेस ने 27 सीटें मिली हैं. साल 2015 में जयपुर और जोधपुर में भाजपा का बोर्ड था. जिला प्रमुख भी भाजपा के ही थे. लेकिन इस बार दोनों जिलों में बीजेपी को हार नसीब हुई है.
सवाई माधोपुर और दौसा जिला परिषद में भी कांग्रेस ने परचम फहराया है. कांग्रेस ने दोनों जिलों में अपनी सत्ता को बरकरार रखा है. दौसा में 29 सीटों में से 17 पर कांग्रेस, 8 पर बीजेपी, 3 पर निर्दलीय और एक पर बसपा के उम्मीदवार को जीत मिली है. हालांकि कांग्रेस को पिछले चुनाव के मुकाबले 7 सीटों का नुकसान हुआ है. कांग्रेस की इस जीत में सचिन पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. दौसा पायलट परिवार की कर्मस्थली रही है. सवाई माधोपुर में कांग्रेस को 16 सीटों पर जीत मिली है. भाजपा को 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा. एक पर निर्दलीय ने जीत हासिल की है.
भाजपा ने सिरोही का गढ़ बचाया
बीजेपी को सिर्फ एक जिला परिषद सिरोही पर जीत मिली है. इस तरह से बीजेपी अपने इस गढ़ को बचाने में सफल रही है. सिरोही में चुनाव भाजपा बनाम कांग्रेस की बजाय ग्रामीण बनाम कांग्रेस रहा जिसका खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ा है.