Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से खेतों की बुझी प्यास :...

छत्तीसगढ़ : सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से खेतों की बुझी प्यास : नहरों के जीर्णाेद्धार से सिंचाई सुविधाओं का बढ़ रहा दायरा

71
0

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य होने के कारण इसकी अधकांश गतिविधियां खेती-किसानी से जुड़ी हैं। राज्य सरकार भी अपने कृषि के आधार को मजबूती देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के विकास के साथ खेतों की प्यास बुझाने के लिए लगातार सिंचाई क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। इसके लिए पुराने नहरों के जीर्णोद्धार के साथ नहर लाईनिंग के काम हो रहे हैं,जिससे हर खेत तक पानी पहंुचाया जा सके। जल संसाधन संभाग कांकेर में पिछले 2 सालों में 12 सिंचाई योजनाओं का काम पूरा किया गया है, जिससे 1585 हेक्टेयर क्षेत्र में फिर से सिंचाई की सुविधा मिल सकी है। आगामी एक साल में यहां 17 योजनाओं का जीर्णाेद्धार एवं नहर लाईनिंग का काम किया जाना है। इनमें से 09 कार्य प्रगति पर है,इसके पूरा होने से दो हजार 375 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई कमी की पूर्ति होगी।

राज्य सरकार ने अंतिम छोर तक खेतों में ंिसंचाई की सुविधा पहंुचाने के उद्देश्य से कांकेर क्षेत्र अंतर्गत 06 एनीकट और स्टॉपडेम का निर्माण कराया है। जल संसाधन विभाग द्वारा यहां धनगुडरा स्टापडेम, छोटेकापसी स्टॉपडेम, मरकाटोला स्टॉपडेम, कसावाही स्टापडेम, घोड़ागांव स्टॉपडेम एवं नाथिया नवागांव एनीकट का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है जिससे 538 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा का विस्तार हुआ है। इन योजनाओं के निर्माण से ग्रामवासियों को पेयजल एवं निस्तार की सुविधा मुहैया होने के साथ ही भू-जल संवर्धन में वृद्वि हुई है।
इसके साथ ही 06 योजनाएं जो अपने रूपांकित सिंचाई क्षमता से 1585 हेक्टेयर कम सिंचाई कर रही थीं, उनके जीर्णाेद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति शासन ने प्रदान की है। इनमें सेन्दारनाला व्यपवर्तन का जीर्णाेद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य, मैनखेड़ा तालाब, डोकला तालाब, हल्बा व्यपवर्तन, चावड़ी फिडर तालाब एवं ढोरदे तालाब का जीर्णाेद्धार एवं नहर लाईनिंग कार्य शामिल हैं। इन सभी के जीर्णोंद्धार एवं नहर लाईनिंग के पश्चात् सिंचाई क्षमता की कमी की फिर से पूर्ति हो गई है। लाईनिंग कार्य होने से पानी के अपव्यय को भी रोका जा सका है, जिसके फलस्वरूप पानी अंतिम छोर के खेतों तक पहुंचने लगा है।
जल संसाधन संभाग कांकेर के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि सिंचाई के साथ सरकार बाढ़ नियंत्रण पर भी ध्यान दे रही है। कांकेर शहर में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शासन से दूध नदी बाढ़ नियंत्रण कार्य की स्वीकृति मिल चुकी है, जिसके तहत कांकेर शहर के पुराना बस स्टैण्ड के पास निर्मित स्टाप डैम के अपस्ट्रीम में नदी के दोनां तरफ रिटेनिंग वॉल निर्माण कार्य किया जाएगा।