कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) से अभी तक दुनिया को निजात नहीं मिली है. जहां कई देशों में कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है. वहीं भारत में तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. इस दौरान वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccination) पर काफी जोर दिया जा रहा है. बच्चों को वैक्सीन देने की तैयारी जोरों पर है. इसी बीच विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण अंततः एक ऐसी बीमारी में बदल जाएगा, जो सामान्य सर्दी जुखाम (Common Cold) की तरह ही हल्का असर देने वाली होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इसके खौफ का अंत एक सर्दी (जुखाम) की तरह हो जाएगा.
प्रोफेसर डेम सारा गिलबर्ट और सर जॉन बेल, दोनों का कहना है कि कोरोना वायरस के और खतरनाक वेरिएंट अब नहीं आएंगे. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर सर जॉन बेल का कहना है कि वायरस अगले साल वसंत (फरवरी-मार्च) तक सामान्य जुखाम से मिलता जुलता हो जाएगा, क्योंकि लोगों की इम्यूनिटी वैक्सीन और वायरस से जूझते हुए बहुत बढ़ जाएगी.
‘जल्द ठीक होंगे हालात’
जॉन बेल का कहना है कि यूके में हालात बदतर से ज्यादा हो चुके हैं और सर्दियों के जाने के बाद हालात ठीक हो जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को वैक्सीन लगने के बाद भी वायरस से लगातार सामना हो रहा है. इसी बीच मॉडर्ना के चीफ एक्ज्यूटिव स्टीफेन बेन्सेल ने भी कहा है कि कोविड महामारी एक साल के अंदर ही खत्म हो जाएगी, क्योंकि वैश्विक स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ रही है.