पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में महंगाई (Inflation) लगातार बढ़ती जा रही है. महंगाई से त्रस्त जनता को राहत देने की बजाय वहां के नेता अजीबोगरीब नसीहत दे रहे हैं. पाकिस्तान की इमरान सरकार (Imran Khan Gpvernment) में पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर (Ali Amin Gandapur) ने पिछले दिनों एक सभा को संबोधित करते हुए लोगों को महंगाई से मुकाबला करने की एक अजीबोगरीब नसीहत देते हुए चीनी और रोटी कम खाने के लिए कहा. अमीन गंडापुर ने कहा, ‘मैं चाय में चीनी के सौ दाने डालता हूं, अगर नौ दाने कम डाल दूं तो क्या चाय कम मीठी लगेगी. हम इतने कमजोर हो गए हैं. अपने मुल्क के लिए और अपनी नस्ल के लिए हम इतनी कुर्बानी नहीं कर सकते हैं.’
पिछले दिनों पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 9 प्रतिशत दर्ज किया गया. महंगाई बढ़ने के कारण वहां लोगों को रोजमर्रा के सामान खरीदने में भी अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.
गंडापुर ने कहा, ‘अगर 9 प्रतिशत महंगाई है और मैं आटे के 100 निवाले खाता हूं. तो क्या अपनी कौम के लिए नौ निवाले की कुर्बानी नहीं कर सकता हूं. लोगों ने तो पेट पर पत्थर बांध कर जंग लड़ी है. सुपरपावर को गिराया है. हमें फैसला करना है कि हमें बच्चों को वो पाकिस्तान देना है जहां बच्चा पैदा होते हुए किसी का कर्जदार ना हो.’ सोशल मीडिया पर गंडापुर के इस भाषण को शेयर कर उनकी जमकर आलोचना की जा रही है.
पाकिस्तान के आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक बाजार में वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि, पाकिस्तानी रुपयों के गिरते मूल्य और सरकार की तरफ से ईंधन जैसे वस्तुओं पर थोपे गए टैक्स के कारण महंगाई लगातार बढ़ रही है. पिछले दिनों पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी नेता शाहबाज शरीफ ने भी कमरतोड़ महंगाई की बात मानते हुए कहा था कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा महंगाई पाकिस्तान में है.
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब मंत्रियों या जनप्रतिनिधियों ने जनता को इस तरह की सलाह दी हो. हाल ही में, सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के ही नेशनल असेंबली के सदस्य रियाज़ फ़तयाना ने भी अली अमीन गंडापुर जैसी ही सलाह दी थी.
पाकिस्तान में क्यों है महंगाई?
अर्थशास्त्री डॉक्टर साजिद अमीन के अनुसार, पाकिस्तान में महंगाई में हालिया वृद्धि के तीन मुख्य कारण हैं. विश्व बाज़ार में वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, पाकिस्तानी रुपये की कीमत में कमी और हाल ही में सरकार की तरफ से लागू की गई टैक्स नीतियां. साजिद अमीन के अनुसार, पाकिस्तान में सरकार “राजस्व यानी आमदनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ईंधन जैसी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाती है, जिससे उनकी क़ीमत में वृद्धि होती है.”
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इस तरह रोज़मर्रा के इस्तेमाल की जिन चीज़ों में ईंधन का उपयोग होता है. ऐसे में जाहिर है कि उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं. पाकिस्तान में हाल ही में ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं.