बीएसएफ (Border Security Force) एक्ट की धारा 139 में हाल ही में किए गए संशोधन (Amendment in Section 139) के बाद पंजाब में अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पंजाब बॉर्डर पर अब 50 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई कर पाएगी. केंद्र सरकार के इस फैसले पर पंजाब में एक बार फिर से सियासत गरमा गई है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Chief Minister Charanjit Singh Channi) ने बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने के फैसले को तर्कहीन बताया है और केंद्र सरकार से निर्णय को वापस लेने की मांग की है. पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा (Punjab Deputy Chief Minister Sukhjinder Singh Randhawa) ने सरकार के इस फैसले को संघीय ढांचे पर हमला करार दिया है.
उधर, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने भी सीएम चन्नी पर निशाना साधा है और कहा कि सीएम को केंद्र से मांग करने से पहले सोचना चहिए था कि पंजाब की सुरक्षा के लिए वह गृहमंत्री से क्या मांग रहे हैं, उन्होंने कहा कि जाने-अनजाने में पंजाब का 25 हजार स्कवायर किमी का क्षेत्र अब केंद्र के अधीन हो जाएगा. शिरोमणि अकाली दल ने भी केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है और कहा कि यह पंजाब सरकार की मिलीभगत से हुआ है, बिना पूछे संभव नहीं कि केंद्र इतना बड़ा निर्णय ले.
सीमावर्ती राज्यों पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में यह दायरा पहले 15 किमी तक था, जबकि नए आदेशों में इसे बढ़ाकर 50 किमी तक कर दिया गया है. पूर्वोत्तर के 5 राज्यों- मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में यह दायरा 80 किमी था और अब इसे घटाकर 60 किमी किया गया है. गुजरात में भी अधिकार क्षेत्र 80 से घटा 50 किमी कर दिया गया है, जबकि राजस्थान में इसे 50 किमी तक ही रखा गया है. जानकारों का कहना है कि बीएसएफ जो भी बरामदगी या गिरफ्तारी करेगी, उसे पुलिस को ही सौंपना पड़ेगा यानी कार्रवाई का हक पुलिस के पास ही रहेगा.