उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में एक याचिका दायर कर केंद्र से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कानूनों की पड़ताल करने और देश में नफरत भरे भाषण और अफवाह फैलाये जाने पर नियंत्रण करने के लिये प्रभावी एवं कठोर उपाय करने का अनुरोध किया गया है.
दशहरा की छुट्टियों के बाद जनहित याचिका शीर्ष न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए आ सकती है. याचिका के जरिए केंद्र को नफरत भरे भाषण और अफवाह फैलाये जाने की बुराई से निपटने के लिए विधि आयोग की सिफारिशों को लागू करने के वास्ते विधायी कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से अधिवक्ता अश्विनी दुबे के मार्फत याचिका दायर की है. इसमें गृह मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय और विधि आयोग को पक्षकार बनाया गया है.
याचिका में कहा गया है, याचिकाकर्ता रिट याचिका के रूप में जनहित याचिका दायर कर रहे हैं…केंद्र को नफरत भरे भाषण और अफवाह फैलाये जाने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय कानूनों की पड़ताल करने और इसके नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाने को लेकर रिट/आदेश/निर्देश जारी करने की मांग की गई है, ताकि कानून का शासन,वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा जीवन का अधिकार, नागरिकों की स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित हो सके.
याचिका के जरिए यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध, चुनाव आदि से जुड़े अपराधों के लिए सजा सुनाते समय उसे एक -एक कर लागू होने की बात कही जाए, ना कि साथ-साथ.
याचिका के जरिए अनुरोध किया गया है कि सरकार को नफरत भरे भाषण पर विधि आयोग की 267 वीं रिपोर्ट की सिफारिशें लागू करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने को कहा जाए.