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दिल्ली में न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस, जानें वायु प्रदूषण का हाल

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में मंगलवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ अधिक 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, सुबह नमी का स्तर 88 प्रतिशत रहा. सोमवार को न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री और अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दिन में दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चलने का अनुमान है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह में दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया. शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘काफी खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.

अब तक 1,502.8 मिमी बारिश हो चुकी है
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि दिल्ली में इस साल अब तक 1,502.8 मिमी बारिश हो चुकी है जोकि एक वर्ष में राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली बारिश (Rain) का एक नया रिकॉर्ड है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में 1933 में 1,420.3 मिमी वर्षा हुई थी, जोकि 1901-2021 की अवधि के दौरान एक साल में हुई सबसे अधिक वर्षा थी. राष्ट्रीय राजधानी में 1933, 1964 और 1975 के बाद 121 वर्षों में यह चौथी बार है जब दिल्ली में 1,200 मिमी से अधिक वर्षा हुई है.

पिछले साल 773.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी
सफदरजंग वेधशाला जिसे दिल्ली के मौसम संबंधी आधिकारिक आंकड़े मुहैया कराने वाला माना जाता है, ने बताया कि सोमवार शाम तक 1,502.8 मिमी बारिश दर्ज की है. एक अधिकारी ने कहा कि 1901 के बाद से राजधानी में यह दूसरी सबसे अधिक बारिश है जब से आईएमडी ने आंकड़े जुटाना शुरू किया था. दिल्ली में पिछले साल 773.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.

हर महीने तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ दर्ज किए जाते हैं
निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, ‘‘यह सिर्फ एक तीव्र पश्चिमी विक्षोभ की बात है. इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि दिल्ली में इस साल वार्षिक वर्षा का एक नया रिकॉर्ड देखने को मिलेगा. आम तौर पर सर्दियों के मौसम में हर महीने तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ दर्ज किए जाते हैं, जिससे पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी होती है और उत्तरी मैदानी इलाकों में बारिश होती है.’’