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राजस्थान में VAT पर रार! जानें जयपुर, कोटा, उदयपुर और श्रीगंगानगर में पेट्रोल के रेट.

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केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद भी राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने इन पर लागू वैट की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है. केन्द्र के इस कदम के बाद देश के कई राज्यों ने पेट्रोल और डीजल वैट की दरें घटा दी है लेकिन राजस्थान में ऐसा अभी नहीं हो पाया है. इसको लेकर राजस्थान में राजनीति भी गरमा हुई है. विपक्षी पार्टी बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो रही है. लेकिन राजस्थान सरकार वैट कम करने के लिये टस से मस नहीं हो रही है. इसके चलते राजस्थान के अधिकतर शहरों में पेट्रोल 110 रुपये प्रति लीटर से ऊपर दामों पर बिक रहा है.
राजस्थान में देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल बिक रहा है. इससे आम उपभोक्ताओं में भी गुस्सा देखा जा रहा है. वैट की दरों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में बयानबाजी लगातार जारी है. सीएम अशोक गहलोत जहां अपनी सरकार का नफा नुकसान बता रहे हैं वहीं बीजेपी नेता लगातार वैट कम करने की मांग कर रहे हैं.
जयपुर में पेट्रोल के दाम 111.10 रुपये प्रति लीटर
रविवार को पट्रोल-डीजल के भावों में कोई तब्दीली नहीं हुई है. राजस्थान की राजधानी जयपुर में देखें तो आज पेट्रोल जहां 111.10 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है वहीं डीजल के भाव 95.71 रुपये प्रति लीटर हैं. कोचिंग सिटी कोटा में पेट्रोल 110.95 रुपये और डीजल 95.19 रुपये प्रति लीटर है. विश्वप्रसिद्ध पर्यटन नगरी उदयपुर में पेट्रोल 111.95 और डीजल 96.50 रुपये प्रति लीटर है.
श्रीगंगानगर में पेट्रोल 116.34 और डीजल 100.53 रुपये प्रति लीटर
पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित स्वर्णनगरी जैसलमेर में पेट्रोल के दाम 114 और डीजल 98.39 रुपये है. जबकि इसी इलाके में भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा और पंजाब तथा हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमा से सटे श्रीगंगानगर में पेट्रोल-डीजल के भाव देश में सबसे ज्यादा हैं. यहां पेट्रोल 116.34 रुपये और डीजल 100.53 प्रति लीटर है. श्रीगंगानगर में तो डीजल ही अभी तक 100 रुपये ऊपर बिक रहा है.
सीएम अशोक गहलोत ने फिर किया ये ट्वीट
इस मुद्दे को लेकर हाल ही में सीएम गहलोत ने फिर बयान देते हुये ट्वीट किया कर कहा कि ”मेरा सुझाव है कि पेट्रोल/डीजल/गैस से Additional Excise Duty, Special Excise Duty and CESS के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती है, इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये. गहलोत के इस बयान से जाहिर है कि वे फिलहाल पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने के मूड में नहीं है.