प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संविधान दिवस (Constitution day of India) के मौके पर कहा है कि हमारा संविधान ये सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहाहै, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां. उन्होंने कहा कि योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है लेकिन एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में है.
पीएम ने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए. पीएम ने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें
हर साल संविधान दिवस मनाया जाना चाहिए था- मोदी
मोदी ने कहा कि संविधान के निर्माण में क्या हुआ, इसके बारे में सभी को शिक्षित करने के लिए 1950 के बाद हर साल संविधान दिवस मनाया जाना चाहिए था लेकिन कुछ लोगों ने ऐसा नहीं किया. इस दिन को इस बात का मूल्यांकन करने के लिए भी मनाया जाना चाहिए कि हम जो करते हैं वह सही है या नहीं.
संसद के सेंट्रल हॉल में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया. देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया. आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं.