सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों (CAA-NRC Protest) के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में कथित रूप से ‘राष्ट्र-विरोधी भाषण’ देने को लेकर अलीगढ़ में दर्ज देशद्रोह के मामले में शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को शनिवार को जमानत मिल गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने उन्हें जमानत दे दी, हालांकि इस संबंध में हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश अभी नहीं आया है.
शरजील इमाम पर भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ नफरत फैलाने, दो समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत पैदा करने और राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने से जुड़े आरोप हैं.
कौन है शरजील और क्या हैं आरोप
जेएनयू के एक पूर्व छात्र और शाहीन बाग में हुए सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को पिछले साल बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि अपने भाषण में कथित रूप से प्रदर्शनकारियों उत्तर पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्सों से अलग करने के लिए उकसाया. इस मामले में शरजील के खिलाफ मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने भी FIR दर्ज की थी. हालांकि, असम और अरुणाचल प्रदेश के मामलों में उसे पहले ही जमानत मिल चुकी है.
शरजील के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में और दिल्ली पुलिस द्वारा जनवरी 2020 में आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर दुश्मनी या दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास), भारतीय दंड संहिता की धारा153बी (शांति भंग करने वाले बयान देना) और 505(2) (नफरत फैलाने के मकसद से ऐसे झूठे और खतरनाक बयान देना)- के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
शरजील इमाम फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. उस पर देशद्रोह के अलावा दिल्ली दंगों की साजिश रचने और जामिया में हुई हिंसा मामले में भी आरोप लगाया गया है.