राजस्थान (Rajasthan) में लगातार सर्दी का सितम जारी है. कई इलाके शीतलहर की चपेत में हैं. राजधानी जयपुर में भी तापमान में गिरावट देखी गई है. शनिवार को पारा 10 डिग्री के करीब रहा. वहीं प्रदेश के अन्य जिलों में भी सर्दी ने ठिठुरन बढ़ाई है. जोधपुर और कोटा में 8 डिग्री के करीब तापमान रिकॉर्ड किया गया है. उदयपुर में कोहरे की वजह से विजिबिलटी कम हो गई है. प्रदेश में बढ़ी सर्दी के चलते लोगों को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है. मौसम विभाग ने आज चित्तौड़गढ़, अजमेर और झुंझूनू के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. तो वहीं रविवार को श्रीगंगानगर, बीकानेर, चुरू, सीकर, जयपुर, अलवर, करौली, भरतपुर, दौसा, और टोंक में कोहरे और शीतलहर का अलर्ट है.
प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में भी सर्दी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया. पहली बार यहां तापमान माइनस 5 डिग्री पहुंच गया. मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और कोल्ड वेव के असल से प्रदेश में पारा गिरा है.
करौली में बिगड़ा मौसम का मिजाज
इधर, करौली में एक बार फिर शनिवार की सुबह मौसम का मिजाज बिगड़ा और आसमान में घने बादल छा गए. सर्द हवाओं की वजह से लोगों को कड़ाके की सर्दी का एहसास हो रहा है. क्षेत्र का न्यूनतम तापमान भी 2-5 डिग्री के आसपास ही बना हुआ है. गौरतलब है कि मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 2.9 व अधिकतम 18.7 डिग्री दर्ज हुआ, तो शनिवार को न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया. हालांकि क्षेत्र में कोहरा कम नजर आया, लेकिन सर्द हवाओं से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है.
मौसम विभाग की माने तो शनिवार को अलवर, भरतपुर, दौसा, धोलपुर, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर में कहीं-कहीं कोहरा छाया रहा. वहीं, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, करौली, सीकर, चूरू और बीकानेर में शीतलहर का जोर रहेगा. मौसम विभाग की माने तो रविवार से मौमस में बदलाव हो सकता है. ऐसे में शीतलहर से लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है.
राजसमंद में कम हुई विजिबिलिटी
राजसमंद में भी सर्दी का सितम जारी है. जिले का न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु के करीब रहा. बीती रात न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री दर्ज किया गया. शनिवार को भी जिले में कई स्थानों पर बर्फ की परत नजर आई. घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो गई. इससे राजसमंद जोधपुर राजमार्ग और नेशनल हाईवे नंबर 8 पर वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई. दूसरी ओर पाला गिरने से किसानों को अब अपने फसलों की चिंता सता रही है.