कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर (Covid 19 Third Wave) के मद्देनजर भारतीय रेल (Indian Railways) अपने कर्मचारियों (Indian Railways Employees) के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता. ऐसे में ऐहतियातन रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने फैसला लिया है कि भारतीय रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं में मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की नियुक्ति को 31.03.2022 तक या कोविड-19 की महामारी जारी रहने तक आगे बढ़ा दिया जाए. रेलवे के इस फैसले से उसके लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
दरअसल, कोविड 19 महामारी के चलते रेलवे कर्मचारियों के उपचार और संबंधित मेडिकल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय रेल की तरफ से भारतीय रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं (Indian railways Health Services) में रिक्तियों के अलावा बड़े स्तर पर कॉन्ट्रेक्ट पर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की नियुक्तियां की गई थीं. कोविड 19 की पहली और दूसरी लहर के बीच इन मेडिकल प्रैक्टिशनर्स ने व्यापक स्तर पर अपनी सेवाएं दीं, जिसका बड़ा लाभ रेलवे कर्मियों को देशभर में मिला.
ऐसे में महामारी की तीसरी लहर के पीक पर रेलवे बोर्ड (Railway Board) की तरफ से फैसला लिया गया है कि भारतीय रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं में रिक्तियों के अलावा कॉन्ट्रेक्ट मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की नियुक्ति को 31.03.2022 तक या कोविड -19 की महामारी जारी रहने तक बढ़ा दिया जाए, ताकि रेलवे की ओर से कोविड -19 महामारी से निपटने के लिए स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और उसके कर्मचारी इसका लाभ उठा सकें.
रेलवे ने इसके लिए पूर्व निर्धारित नियम और शर्तों के साथ ही इसे जारी रखने का फैसला लिया है. हालांकि रेलवे की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह पूरी तरह से अस्थायी उपाय है, जिसके बाद यथापूर्व स्थिति बहाल हो जाएगी.
इसके साथ ही बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को कॉन्ट्रेक्ट मेडिकल प्रैक्टिशनर्स की भर्ती का रेलवेवार विवरण, जिसमें उनके ज्वॉइनिंग और छोड़ने की तारीख, श्रेणी और प्रत्येक सीएमपी पर खर्च आदि का ब्यौरा भी देने को कहा है.