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राजस्थान में तैयार हो रहा विश्व का 8वां अजूबा, रोजगार का मिलेगा मौका, 10 प्वाइंट में जानें पूरी डिटेल

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ड्रीम प्रोजेक्ट पर तेजी से काम चल रहा है. इसके तहत कोटा के चंबल रिवर फ्रंट पर विश्व की सबसे बड़ी घंटी का निर्माण होने जा रहा है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट कोटा को विश्वव्यापी पहचान दिलायेगा ओर पर्यटन के क्षेत्र मे रोजगार के भी बड़े अवसर इस प्रोजेक्ट के जरिए मुहैया होंगे. चंबल रिवर फ्रंट पर विश्व का आठवां अजूबा यानी दुनिया की सबसे बड़ी घंटी का निर्माण किया जा रहा है. अपने आप मे बेमिसाल घण्टी की इस एक कलाकृति में 3 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेंगे.

वैसे तो कोटा में सात अजूबे विश्व में पर्यटक के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान दिला रहे हैं, लेकिन अब आठवां अजूबा विश्व की सबसे बड़ी घंटी के रूप में बन रहा है. संपूर्ण विश्व में दो बड़े घंटे-घन्टी ( Bell ) है. सबसे बड़ी घंटी चाइना में तो दूसरी मास्को रूस में है. यह दोनों घंटियां अलग-अलग टुकड़ों में बनी हैं, जिसको बाद में जोड़ा गया. इसके बावजूद चाइना की घंटी को लटकाते समय उसका एक टुकड़ा टूट गया जो अभी तक टूटा हुआ है. वही मास्को वाली घंटी लटकाई ही नहीं जा सकी. सात अजूबे के रूप में पहले से अपनी खास पहचान बना चुके कोचिंगनगरी में एक और घण्टी के रूप में आठवां अजूबा बनने को तैयार है. “स्टील मैन ऑफ इंडिया” के नाम से विख्यात इंजीनियर देवेंद्र कुमार आर्य अब चम्बल रिवर फ्रंट विश्व की सबसे बड़ी घंटी ( Bell ) बना रहे हैं.

इस बेमिसाल घण्टी की उम्र रहेगी 5000 साल की
हालांकि संपूर्ण विश्व में दो बड़े घंटे- घण्टी ( Bell ) है. सबसे बड़ी घंटी चाइना में तो दूसरी मास्को रूस में है. वही अब कोटा में – 8.5 × 9.25 मीटर की विश्व की सबसे बड़ी घण्टी का निर्माण होने जा रहा है. सबसे बड़ी इस घण्टी की खासियत यह रहेगी कि यह दुनिया की एकमात्र व सबसे बड़ी सिंगल पीस कास्टिंग होगी.

ये हैं बड़ी बातें
1- यह घंटी ( Bell ) तीन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगी.
2- विश्व की सबसे भारी सिंगल पीस कास्टिंग ( ढलाई ) ” नॉन फेरस”
3- विश्व की सबसे बड़ी घंटी
4- विश्व की पहली जॉइंट लेस चेन
5- कोटा के चंबल रिवर फ्रंट में एक साथ तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली ये एकमात्र कलाकृति होगी, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से देशी-विदेशी पर्यटक कोटा आएंगे तथा ये कलाकृति कोटा को टूरिस्ट हब बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी.
6-इस घंटी का वजन बिना अलंकरणों के करीब 57 हजार किलो रहेगा.
7- घंटी का रंग भी अपने आप में बेमिसाल है , इसका केमिकल कंपोजिशन इस प्रकार से सेट किया गया है कि ये गोल्डन लुक का अहसास कराएगी.
8- घंटी का ये रंग व चमक 15 वर्षों तक इसकी चमक बरकरार रहेगी.
9-इआठ किलोमीटर तक सुनाई देगी घण्टी की आवाज.
10- इस घंटी की उम्र 5000 साल की है , मतलब यह घंटी हर मायने में बेमिसाल होगी.