गोरखपुर पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर के हाई प्रोफाइल वाहन चोरों (Car thief) के गैंग का खुलासा किया है. दिलचस्प बात यह है कि लग्जरी कार (Car Jacking) चुराने वाला शातिर वाहन चोर गैंग असम ले जाकर कार बेच दिया करता था. जहां से तस्करी के जरिये लग्जरी कार को म्यांमार और भूटान भी पहुंचाया जाता था. पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो शातिर कार चोरों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक बदमाश फरार हुआ है. बदमाशों के पास से एक चोरी की लग्जरी कार और अवैध चरस की बरामदगी की गई है. साथ ही कार चुराने के दौरान जिस कार का इस्तेमाल बदमाशों द्वारा किया जाता था. उसकी भी बरामदगी पुलिस ने की है.
कैंट पुलिस ने कूड़ाघाट इलाके से शातिर बदमाशों को उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे लोग लग्जरी वाहन को चुराने की फिराक में थे. वहीं मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि गोरखपुर जिले में पिछले दिनों लग्जरी कार की चोरी की वारदात में इजाफा हुआ था. ऐसे में वाहन चोरों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार कोशिश में लगी थी. इसी कड़ी में असम और बिहार के दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से चोरी की एक लग्जरी कार समेत दो चार पहिया वाहन और चरस की बरामदगी हुई है.
पुलिस ने बताया कि इन शातिर बदमाशों की गिरफ्तारी से वाहन चोरी की चार वारदात का खुलासा हुआ है. इनमें गोरखपुर से चुराई गई दो लग्जरी कार को म्यांमार में बेचे जाने से उसकी रिकवरी नहीं हो पाई. एसपी सिटी ने खुलासे के दौरान बताया की गिरफ्त में आए दोनों कार चोरों की पहचान असम के रहने वाले खल्लीलुरहमान खान और बिहार के रहने वाले शेख मुबारक के तौर पर हुई हैं, जबकि असम का ही रहने वाला इनका साथी राम प्रताप सिंह मौके से भागने में सफल रहा.
ये भी पढ़ें- अपनी प्रेमिका की दोस्त से कराई कोर्ट मैरिज फिर 5 घंटे बाद खुद कर लिया निकाह
पुलिस की गिरफ्त में आए कार चोर रहमान ने पूछताछ में बताया कि वह असम में एक गैरेज मे काम करता था. वहीं पर शेख मुबारक जो कि दर्जी का काम करता था. उन दोनों में दोस्ती हुई थी. इस बीच साल 2019 में रहमान असम में बोलेरो कार चोरी करने के आरोप जेल गया था, जहां पर जेल में राम प्रताप सिंह से मुलाकात हुई. जेल से छुटने पर राम प्रताप सिंह व खलीलूल रहमान तथा शेख मुबारक ने पैसा कमाने की चाहत में गलत रास्ता अपनाया लिया. इस दौरान लग्जरी कार चोरी करने के धंधे में जुड़ गए और यूपी, बिहार, एमपी और दिल्ली से लग्जरी कार चुराकर उसे असम-नागालैंड लाकर बेचने के धंधे में लिप्त हो गए.
एसपी सिटी ने बताया है कि लग्जरी कार की चोरी करने के दौरान जीपीएस सिस्टम को डिएक्टेवेट करने में शातिर बदमाश काफी महंगे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे. उसकी कीमत तीन से चार लाख रुपये होती है. इतना ही नहीं तीन महिने में सॉफ्टवेयर को अपडेट करना पड़ता है. फिलहाल कैंट पुलिस की मुस्तैदी से जहां एक तरफ राष्ट्रीय स्तर के शातिर कार चोरों के गैंग का खुलासा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ लग्जरी कार में लगे जीपीएस सिस्टम के भरोसे घर के बाहर खुले में बेफ्रिक होकर कार खड़ा करने वालों के लिए एक सबक है.