कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) से भारत में कोविड की तीसरी लहर (Covid Third Wave) सामने आई. इस लहर में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल देखने को मिला लेकिन राहत की बात यह रही कि हालात डेल्टा वेरिएंट की तरह खराब नहीं हुए. संक्रमण से लड़ने के लिए भारत में भी बूस्टर वैक्सीन (Booster Vaccine) लगाई जा रही है. इस बीच भारत बायोटेक ( Bharat Biotech Booster Vaccine) ने अपनी आगामा बूस्टर वैक्सीन जो कि एक इंट्रानेजल वैक्सीन (Bharat Biotech intranasal vaccine)होगी को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है. कंपनी के अनुसार भारत बायोटेक अपनी बूस्टर वैक्सीन को कोविडशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) के मिश्रण से तैयार करेगी.
जानकारी के मुताबिक कंपनी इसके लिए कोविशील्ड के साथ मिलकर काम करेगी और इसके लिए पहले मिक्स एंड मैच के अध्ययन को परखा जाएगा. कंपनी ने तीन टीकों के मिक्स करके होने वाली इम्यूनोजेकिन प्रतिक्रिया के अध्ययन के लिए देशभर में नौ साइटों पर परीक्षण की योजना बनाई है.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की लड़ाई में कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड का देश में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है. भारत बायोटेक अपनी BBV154 इंट्रानेजल वैक्सीन जो की एक सुई मुक्त वैक्सीन है के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिक्स एंड मैच का अध्ययन करने जा रही है. कंपनी को उम्मीद है कि इस वैक्सीन से कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही भारत के औषधि नियामक ने भारत बायोटेक कंपनी को नाक से दिये जा सकने वाले (इंट्रानेजल) कोविड टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के रूप में करने की अनुमति दी थी. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित इंट्रानेजल कोविड-19 टीके बीबीवी154 के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी अभी तक नहीं दी गई है.
भारत के औषधि महानियंत्रक डीसीजीआई ने 27 जनवरी को भारत बायोटेक को उसके इंट्रानेजल टीके की सुरक्षा का आकलन करने के लिए उन प्रतिभागियों पर बूस्टर खुराक के तौर पर तीसरे चरण का बहुकेंद्रीय क्लीनिकल अध्ययन करने की मंजूरी दे दी थी जिन्हें पहले ‘नये औषधि और क्लीनिकल परीक्षण नियम, 2019’ के अंतर्गत नयी दवाओं के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की खुराक दी जा चुकी है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एम्स दिल्ली समेत पांच स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा. भारत बायोटेक ने दिसंबर में डीसीजीआई से इंट्रानेजल कोविड-19 टीके का उन प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का अध्ययन करने की अनुमति मांगी थी जिन्हें पहले सार्स-सीओवी 2 टीके लग चुके हों.