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चीन की जीरो कोविड पॉलिसी से ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित, महंगाई में इजाफा

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चीन (China) वैश्विक ग्लोबल सप्लाई चेन के मुद्दों को बिगाड़ रहा है. इसके अलावा, चीन की जीरो कोविड-19 पॉलिसी (Zero Covid-19 Policy) की वजह से महंगाई बढ़ रही है. बैंक ऑफ जापान (Bank of Japan) के बोर्ड एक के सदस्य ने इसकी चेतावनी दी है. नीति निर्माता टोयोकी नाकामुरा (Toyoaki Nakamura) ने कहा कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन को लंबे समय तक प्रभावित होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बीजिंग कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रसार को रोकने के प्रयासों के तहत सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है.

टोयोकी नाकामुरा ने चेतावनी दी कि जीरो कोविड पॉलिसी के प्रभावों की वजह वैश्विक बाजार में उथल-पुथल है. इस वजह से ब्याज दरों का इजाफा हो रहा है, जिसके चलते महंगाई बढ़ रही है. पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के वरिष्ठ अधिकारी गीता गोपीनाथ ने कहा था कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

उन्होंने चीन से अपनी पॉलिसी पर फिर से विचार करने को कहा था. IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने जनवरी की शुरुआत में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में एक वर्चुअल पैनल पर बोलते हुए, चीनी अधिकारियों को बिजनेस और कामगारों की वित्तीय सहायता रोकने के लिए उन्हें फटकार लगाई थी.
सप्लाई में कमी से बढ़ रही हैं कीमतें
चीन ने देश में कोविड के मामलों को रोकने के लिए कड़ाई से नियम लागू किए हैं. कोरोना के कम केस सामने आने पर भी पूरी तरह से शहरों को बंद कर दिया जा रहा है और लॉकडाउन लागू कर दिया जा रहा है. चीन की जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से देश के कई शहरों में कुछ घंटे के नोटिस पर भी लॉकडाउन लागू किया गया है. इस वजह से बड़ी संख्या में कंपनियां बंद हो गई हैं और उनके द्वारा विदेशों में निर्यात होने वाले सामान की डिलीवरी में परेशानी हुई है. इस वजह से कुछ चीजों की कीमतों में वृद्धि हुई है, क्योंकि उनकी सप्लाई में कमी आई है. चीन के इस कदम की दुनियाभर में आलोचना भी हुई है.

वैश्विक अर्थव्यस्था के लिए नुकसानदायक है चीन का कदम
गीता गोपीनाथ ने पिछले महीने चेतावनी दी थी कि बार-बार और अचानक कोविड-19 लॉकडाउन की वजह सप्लाई चेन में हुआ व्यवधान वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने कहा कि बीजिंग को अपने फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि हम जो देख रहे हैं, वह ये है कि जितनी बार भी कोविड केस बढ़ रहे हैं, उतनी बार ही लॉकडाउन लगा दिया जा रहा है.

बैस में फिर लगा लॉकडाउन
लॉकडाउन के अंतर्गत आने वाला बैस नवीनतम शहर है. महामारी को कतई बर्दाश्त नहीं करने की चीन की नीति के तहत कम संख्या में भी मामले आने पर सख्त कदम उठाए जाते हैं. चीन की चिंता बीजिंग में चल रहे शीतकालीन ओलंपिक खेल के दौरान महामारी को रोकने की है. हालांकि, मंगलवार को बीजिंग में कोविड का कोई मामला सामने नहीं आया.

विंटर ओलंपिक के 30 से अधिक खिलाड़ी कोरोना संक्रमित
ओलंपिक खेलों के आयोजकों ने मंगलवार को बताया कि 30 से अधिक खिलाड़ी संक्रमित पाए जाने के बाद पृथकवास केंद्रों में हैं. संक्रमित होने पर औसतन सात दिनों तक पृथकवास में रहना होता है.गौरतलब है कि बैस शहर की कुल आबादी करीब 14 लाख है, जबकि आसपास के इलाकों में करीब अन्य 30 लाख आबादी निवास करती है. यह शहर वियतनाम की सीमा के करीब है

इसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है और उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. चीन से दुनियाभर में सामान को निर्यात किया जाता है. लेकिन कंपनियों के बंद होने की वजह से सप्लाई रुक जा रही है.