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DRDO का कमाल, 45 दिन में खड़ी कर दी 7 मंजिला इमारत, इसमें बनेगा भारत का सबसे आधुनिक फाइटर जेट

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 45 दिन में 7 मंजिला इमारत बनाकर खड़ी कर दी है. इस बिल्डिंग का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को किया. इस मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और डीआरडीओ चीफ जी सतीश रेड्डी भी मौजूद रहे.

इस बिल्डिंग का इस्तेमाल पांचवी पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के रिसर्च एंड डेवेलपमेंट फैसिलिटी के तौर पर किया जाएगा. बेंगलुरु स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट इस बिल्डिंग में एयरक्राफ्ट फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम के लिए एवियोनिक्स का विकास करेगा. रक्षा मंत्री के सामने इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स का एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया.

एक अधिकारी ने बताया, डीआरडीओ ने एडीई, बेंगलुरु में हाइब्रिड टेक्नॉल्जी के जरिए एक बहु-मंजिली बिल्डिंग का निर्माण रिकॉर्ड 45 दिन में पूरा किया. इस बिल्डिंग में एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोजेक्ट के तहत फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (एफसीएस) के लिए एवियोनिक्स डेवलमेंट की सुविधा होगी.

5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित कर रहा भारत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत अपनी एयर डिफेंस को मजबूत और आधुनिक बनाने के के मकसद से अतिआधुनिक स्टील्थ टेक्नॉल्जी से लैस 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स विकसित करने की महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है. इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है. रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि एएमसीए के डिजाइन और प्रोटोटाइप (नमूना) विकास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

इस बिल्डिंग में होंगे एएमसीए प्रोजेक्ट से जुड़े कार्य
अधिकारियों ने बताया कि इस इमारत का निर्माण एएमसीए परियोजना और संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से केवल 45 दिन की ‘न्यूनतम समय सीमा’ में कम्पोजिट मैन्युफैक्चरिंग टेक्नॉल्जी का उपयोग करके किया गया है. इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक निर्माण कार्य 1 फरवरी से शुरू हुआ. सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य 45 दिन में पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है. ऐसा देश में पहली बार हुआ है.