Home देश अमेरिकी फेड रिजर्व ने बढ़ाई 0.25 फीसदी ब्‍याज दर, क्‍या अगले महीने...

अमेरिकी फेड रिजर्व ने बढ़ाई 0.25 फीसदी ब्‍याज दर, क्‍या अगले महीने है रिजर्व बैंक की बारी

47
0

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने करीब तीन साल बाद अपनी ब्‍याज दरों में चौथाई फीसदी (0.25 फीसदी) का इजाफा किया है. यह बढ़ोतरी बेलगाम महंगाई को थामने के लिए की गई है. अब एक्‍सपर्ट अनुमान लगा रहे कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी ऐसा कदम उठा सकता है.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही कई बार बढ़ती महंगाई को लेकर सवाल उठा चुके हैं. फरवरी में खुदरा महंगाई की दर रिजर्व बैंक के तय 6 फीसदी के दायरे से बाहर जाने के साथ ही 8 महीने के रिकॉर्ड स्‍तर पर भी पहुंच गई. ऐसे में महंगाई को थामने के लिए अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट बढ़ाने पर फैसला हो सकता है.

अमेरिका में 40 साल के शीर्ष पर महंगाई
अमेरिका में उपभोक्‍ता आधारित महंगाई की दर 40 वर्षों में सबसे ज्‍यादा पहुंच गई है. कनाडा में भी खुदरा महंगाई 30 साल के शीर्ष पर चल रही है. यही कारण है कि अब दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपनी ब्‍याज दरों को दोबारा बढ़ाने लगे हैं. अमेरिकी फेड रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने तो 2022 में 6 बार ब्‍याज दरें बढ़ाने की बात कही है. यानी इसमें करीब 1.5 फीसदी का इजाफा हो सकता है.

कोरोना महामारी से निपटने को घटाई थी ब्‍याज दर
RBI सहित दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 2020 में आई कोरोना महामारी के दबाव से निपटने के लिए अपनी नीतिगत दरों में कटौती की थी. रिजर्व बैंक तो इसे 2.5 फीसदी से ज्‍यादा घटाकर 4 फीसदी पर ला दिया, जो साल 2000 के बाद सबसे निचला स्‍तर है. यही कारण है कि पिछले डेढ़ वर्षों से बैंकों के कर्ज की ब्‍याज दरें काफी नीचे चल रहीं हैं.

कोरोना महामारी से निपटने को घटाई थी ब्‍याज दर
RBI सहित दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 2020 में आई कोरोना महामारी के दबाव से निपटने के लिए अपनी नीतिगत दरों में कटौती की थी. रिजर्व बैंक तो इसे 2.5 फीसदी से ज्‍यादा घटाकर 4 फीसदी पर ला दिया, जो साल 2000 के बाद सबसे निचला स्‍तर है. यही कारण है कि पिछले डेढ़ वर्षों से बैंकों के कर्ज की ब्‍याज दरें काफी नीचे चल रहीं हैं.

अब खत्‍म होगा सस्‍ते लोन का दौर
एक्‍सपर्ट का कहना है कि अमेरिकी फेड रिजर्व का अनुसरण करते हुए अगर रिजर्व बैंक ने भी ब्‍याज दरें बढ़ानी शुरू कीं तो सस्‍ते कर्ज का दौर समाप्‍त हो जाएगा. अनुमान है कि अप्रैल की बैठक से ही रिजर्व बैंक अपने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में इजाफा करना शुरू कर देगा. फिलहाल बैंकों ने खुदरा कर्ज की ब्‍याज दरें बढ़ाना शुरू कर दिया है, जिसमें और उछाल आने की आशंका है.