भारतीयों ने यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए 2021 में 1,899 करोड़ रुपये के चालान का भुगतान किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पिछले साल पूरे भारत में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के लिए कुल 1.98 करोड़ यातायात चालान जारी किए गए थे. इनमें से 35 फीसदी से ज्यादा चालान दिल्ली में जारी किए गए, जो सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है.
गडकरी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल दिल्ली ने 71,89,824 चालान जारी किए गए थे. इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी के बाद 36,26,037 चालान के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर और 17,41,932 चालानों के साथ केरल तीसरे स्थान पर रहा है. सरकार के केंद्रीकृत डेटाबेस के अनुसार, 1.98 करोड़ चालानों में, 2021 में रोड रेज और रैश ड्राइविंग के दो लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
यात्रियों के लिए यह साल बेहतर नहीं है. अधिकारियों ने 1 जनवरी से 15 मार्च, 2022 के बीच देश भर में यातायात उल्लंघन के लिए 417 करोड़ रुपये के 40 लाख से अधिक चालान पहले ही जारी चुका है. माना जा रहा है कि इस साल आंकड़े में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.
गडकरी ने यह भी कहा कि 2017 और 2019 के बीच नए मोटर वाहन अधिनियम से पहले यातायात उल्लंघन की संख्या 13,872,098 थी. मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद मामलों की संख्या 48,518,314 थी. नया विधेयक, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार करना और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और उल्लंघन के लिए सख्त दंड लगाने जैसे यातायात नियमों को कड़ा करना है, संसद द्वारा 5 अगस्त, 2019 को पारित किया गया था. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 9 अगस्त 2019 को विधेयक को अपनी सहमति दी थी.
यात्रियों के लिए यह साल बेहतर नहीं है. अधिकारियों ने 1 जनवरी से 15 मार्च, 2022 के बीच देश भर में यातायात उल्लंघन के लिए 417 करोड़ रुपये के 40 लाख से अधिक चालान पहले ही जारी चुका है. माना जा रहा है कि इस साल आंकड़े में और ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है.
गडकरी ने यह भी कहा कि 2017 और 2019 के बीच नए मोटर वाहन अधिनियम से पहले यातायात उल्लंघन की संख्या 13,872,098 थी. मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद मामलों की संख्या 48,518,314 थी. नया विधेयक, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार करना और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने और उल्लंघन के लिए सख्त दंड लगाने जैसे यातायात नियमों को कड़ा करना है, संसद द्वारा 5 अगस्त, 2019 को पारित किया गया था. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 9 अगस्त 2019 को विधेयक को अपनी सहमति दी थी.