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Income Tax New Rule: इनकम टैक्स के 10 नए नियम जो 1 अप्रैल से हो गए हैं लागू, चेक करें पूरी डिटेल

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नया वित्त वर्ष 2022-23 शुरू होते ही इनकम टैक्स के कई नियम बदल गए हैं. टैक्सपेयर्स के नाते इन बदलाव की जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है. अगर आपको अभी तक इन बदलावों के बारे में पता नहीं है तो हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि कौन-कौन से वो नियम हैं जिनमें बदलाव किया गया है.

ये हैं इनकम टैक्स के वो 10 नए नियम जो 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो गए हैं-

प्रॉविडेंट फंड पर टैक्स

यदि आप नौकरीपेशा हैं और अब तक अपने ईपीएफ (Employee provident fund) खाते में सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का योगदान करते रहे हैं तो ऐसा करने अब आपके लिए नुकसानदायक साबित होगा. अब आप अपने ईपीएफ अकाउंट में सालाना 2.5 लाख रुपये तक ही जमा कर सकते हैं जो टैक्स फ्री होगा. इससे ज्यादा राशि जमा करने पर ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा.

क्रिप्टो से इनकम पर टैक्स

वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर से होने वाली आय 1 अप्रैल से टैक्स के दायरे में आ गई है. इस पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स देना होगा. यानी क्रिप्टोकरेंसी में अगर आप निवेश करते हैं तो उससे होने वाली इनकम पर अब टैक्स जरूरी कर दिया गया है. इस पर 1 फीसदी का टीडीएस 1 जुलाई, 2022 से लागू होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में क्रिप्टो एसेट से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी.

क्रिप्टो में घाटा हुआ तो नहीं होगी भरपाई

क्रिप्टो या डिजिटल एसेट से हुई कमाई पर तो टैक्स लगेगा, लेकिन इसके उलट यदि नुकसान हुआ तो इसकी भरपाई उसके मुनाफे से नहीं कर पाएंगे. उदाहरण के लिए यदि आप दो डिजिटल एसेट खरीदते हैं. एक में 100 रुपये का लाभ होता है और दूसरे में 100 रुपये का घाटा हो जाता है. ऐसे में आपको 100 रुपये के मुनाफे पर 30 रुपये इनकम टैक्स देना होगा. वहीं दूसरे एसेट में 100 रुपये की जो हानि हुई उसकी भरपाई पहले एसेट के मुनाफे से नहीं कर पाएंगे. शेयरों में निवेश करने पर यह विकल्प मिलता है.

गिफ्ट वाले डिजिटल एसेट पर भी टैक्स

यदि आपको क्रिप्टोकरेंसी या कोई और वर्चुअल डिजिटल एसेट उपहार में मिलता है तो उस पर टैक्स भरना होगा.
अपडेटेड रिटर्न भरने की सुविधा

नए वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स को यह विशेष सुविधा दी गई है कि यदि आप किसी गड़बड़ी या गलती को सुधारकर फिर से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं. असेसमेंट ईयर के दो साल के भीतर अपडेटड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
स्टेट गवर्नमेंट इम्प्लॉयी का NPS डिडक्शन

राज्य सरकार के कर्मचारी अब अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 14% तक एनपीएस (NPS) में योगदान कर सकते हैं. पहले 10 फीसदी तक ही योगदान की सीम थी. यानी अब वे भी केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कटौती की तरह सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत इस कटौती का दावा कर सकते हैं.

सभी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर सरचार्ज

1 अप्रैल, 2022 से सभी तरह की संपत्तियों पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी की दर से सरचार्ज देना होगा. अभी तक केवल लिस्टेड कंपनियों के शेयर या म्यूचुअल फंड पर होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेने पर इस दर से सरचार्ज देना होता था।

हाउस प्रॉपर्टी पर एडिशनल डिडक्शन खत्म

पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली एडिशनल डिडक्शन की सुविधा 1 अप्रैल से समाप्त कर दी गई है. 45 लाख रुपये तक की हाउस प्रॉपर्टी पर 1.5 लाख रुपये एडिशनल डिडक्शन की सुविधा इनकम टैक्स नियम में अब तक दी जाती थी.

कोविड-19 के इलाज पर हुए खर्च पर टैक्स राहत

कोविड-19 के इलाज के लिए मिली राशि पर टैक्स छूट 2022-23 में भी जारी रहेगी. यह राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. यदि कोविड से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो व्यक्ति की मृत्यु के 12 महीनों के अंदर ही पैसा मिला होना चाहिए.