रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है. वैश्विक दबाव के बावजूद रूसी सेना यूक्रेन के कई शहरों में घुसपैठ कर रही है. मारियोपोल, खारकीव, लीव जैसे शहरों की स्थिति काफी बुरी हो गई है. इस बीच मारियुपोल के मेयर ने बुधवार को कहा कि बंदरगाह शहर में अभी तक पांच हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है. शहर रूसी सैनिकों के कब्जे में हैं. वहीं एक रूसी समर्थक ग्रुप ने चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन ने रूस की मांगें मानने से इनकार कर दिया तो वहां के हालात भारत-पाकिस्तान सीमा और भारत-चीन सीमा जैसे हो जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक इस रूसी समर्थक समूह का नाम डोनेत्स्क पीपुल्स मिलिशिया (DPR) है. यह समूह यूक्रेन के डोनेत्स्क में रूसी सेना के समर्थन में उतरा हुआ है. इसके आधिकारिक प्रतिनिधि एडुअर्ड अलेक्जेंड्रोविच बसुरिन ने यह चेतावनी जारी की है. उन्होंने यह भी कहा है कि सभी जानते हैं कि पश्चिमी देश रूसी संघ को तबाह करने का प्रयास कर रहे हैं. वे लोग सिर्फ इतने में ही नहीं रुकेंगे. उन लोगों का अगला लक्ष्य भारत होगा. पूरी दुनिया को पता है कि भारत-पाकिस्तान सीमा ही ऐसी जगह है, जिसका हल कई साल से नहीं निकल पाया है.
बसुरिन ने यह भी कहा है कि रूस की ओर से सुरक्षित मानवीय गलियारे के बदले बंदरगाह शहर के लोगों से हथियार डालने की मांग की है. उनका कहना है कि वे मारियोपोल में विसैन्यीकरण और विमुद्रीकरण की मांग करते हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि रूसी सैनिकों के यूक्रेन के कुछ इलाकों से हटने से पहले वहां नागरिकों की कथित तौर पर अंधाधुंध हत्या की गई थी. यूक्रेन के अधिकारी राजधानी के आसपास के कस्बों में बिखरे शवों को उठा रहे हैं. इस बीच, अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने युद्ध अपराधों को लेकर रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि रूस ने उत्तर में कीव और चेर्निहीव क्षेत्रों से अपने सभी अनुमानित 24,000 या अधिक सैनिकों को वापस बुला लिया है, जिन्हें बेलारूस या रूस भेज गया है और पुनर्गठित किया जा रहा है. इन्हें पूर्वी हिस्से में लड़ाई के लिए भेजे जाने की आशंका है.