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अगर आपको भी बनवाना है बच्‍चे का आधार कार्ड तो इन बातों का रखें ख्‍याल, भविष्‍य में नहीं होगी परेशानी

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आधार कार्ड (Aadhaar card) आज एक जरूरी दस्‍तावेज बन गया है. अब इसे हमारी पहचान का सबसे पुख्‍ता सबूत माना जाने लगा है. इसके बिना हम बहुत से जरूरी कार्य जैसे बैंक खाता खुलवाना, स्‍कूल-कॉलेज में एडमिशन आदि नहीं करा सकते. इसलिए अब हर व्‍यक्ति का आधार कार्ड होना जरूरी हो गया है.

बच्‍चे का भी आधार कार्ड (Aadhaar card for children) बनाया जा सकता है. पांच साल तक के बच्‍चों के बनने वाले आधार कार्ड का रंग नीला होता है. इस आधार कार्ड में बच्‍चे के बायोमैट्रिक दर्ज नहीं होते. इसका मतलब यह है कि उसकी उंगलियों की छाप और आंखों के रेटिना को स्‍कैन नहीं किया जाता. ये दोनों ही जानकारियां 5 साल के बाद दर्ज की जाती है.

इन बातों का रखें ख्‍याल
जन्‍म के बाद बच्‍चे का आधार कार्ड जरूर बनवाएं. ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि अब आधार बहुत से कामों में जरूरी है. अगर आपने अपने बच्‍चे का आधार कार्ड नहीं बनवाएंगे तो हो सकता है आगे आपको परेशानी हो. अब तो बहुत से स्‍कूल एडमिशन के समय ही आधार कार्ड मांगने लगे हैं. बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते समय जिन बातों का ख्‍याल रखना चाहिए, आइये उनके बारे में जानते हैं-:

सही नाम : बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते समय उसका नाम सही दर्ज कराएं. नाम की स्‍पेलिंग और सरनेम आदि का खास ख्‍याल रखें. नाम में गलती होने से बाद में दिक्‍कत होती है तथा इसे ठीक करवाने के लिए समय बर्बाद करना पड़ता है.

माता-पिता का नाम : आधार कार्ड में बच्‍चे के माता-पिता का नाम सही से दर्ज कराएं. कई बार होता है कि आधार केंद्र में भीड़भाड़ की वजह से या फिर अस्‍पताल में बच्‍चे के माता-पिता में से किसी एक का नाम गलत दर्ज हो जाता है. खासकर सरनेम को लेकर काफी गड़बड़ देखने को मिलती है.

पता : बच्‍चे का आधार कार्ड बनवाते समय एड्रेस सही से दर्ज कराएं. आमतौर पर पिता के आधार कार्ड में दर्ज एड्रेस को ही दर्ज किया जाता है और इस संबंध में पिता के ही डॉक्‍यूमेंट मांगे जाते हैं. लेकिन, फिर भी कंप्‍यूटर में दर्ज की जानकारी पर एक बार नजर जरूर मार लें.

माता-पिता के आधार से लिंक : बच्‍चे के आधार कार्ड को मां-बाप के आधार से लिंक जरूर कराना चाहिए. इससे बच्चे की पहचान माता पिता के आधार कार्ड से आसानी से की जा सकती है.

पांच साल के बाद अपडेट जरूर कराएं
5 साल की उम्र के बाद बच्‍चे के नीले आधार कार्ड को अपडेट करा सकते हैं. 5 साल से लेकर 15 साल के बीच में इसे अपडेट कराना जरूरी है. अपडेट करते वक्‍त आंखों के रेटिना स्कैन की जानकारी और फिंगरप्रिंट की जानकारी दर्ज की जाती है.