बढ़ते ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ऑनलाइन सेवाओं सहित वित्तीय क्षेत्र में नई-नई कंपनियों के आने के बाद से ग्राहकों के साथ फर्जीवाड़े में भी तेजी आई है. फर्जी कंपनियों की धोखाधड़ी की वजह से ग्राहकों को खासा नुकसान होता है. हाल के वर्षों में कई ऐसी खबरें मीडिया की सुर्खियां बनी हैं जिसमें बताया गया है कि आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटी तक ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं. इसे रोकने के लिए रिजर्व बैंक अब कड़े कदम उठाने जा रहा है.
ग्राहक सेवा में सुधार के लिए रिजर्व बैंक ने एक पैनल गठित करने की घोषणा की है. शुक्रवार को मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ताओं की रक्षा की समीक्षा करने और उसे मजबूत बनाने के लिए जल्द ही एक पैनल का गठन किया जाएगा.
नई-नई सेवाओं से आ रहा बदलाव
आरबीआई गवर्नर ने कहा, “रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ वर्षों में उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं. इन उपायों में ग्राहक सेवा, आंतरिक शिकायत निवारण और लोकपाल तंत्र पर नियामकीय ढांचा तैयार करना शामिल है.” उन्होंने कहा कि फाइनेंस से जुड़ी कंपनियों द्वारा नई-नई सेवाओं और उत्पादों के ऑफर, डिजिटल सेवाओं की बढ़ती लोकप्रियता और विभिन्न सेवा प्रदाताओं के इस क्षेत्र में आने से वित्तीय परिदृश्य तेजी से परिवर्तन हो रहा है. ग्राहक सेवा की वर्तमान स्थिति की जांच और समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव किया गया है.
जलवायु संबंधी वित्तीय जोखिम से भी होगा बचाव
उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण से संबंधित वित्तीय जोखिमों के संभावित प्रभाव की बेहतर समझ और मूल्यांकन की सुविधा के लिए जल्द ही क्लाइमेट रिस्क एंड सस्टेनेबल फाइनेंस (Climate Risk and Sustainable Finance) पर फीडबैक के लिए एक डिस्कशन पेपर प्रकाशित किया जाएगा. क्लाइमेट रिस्क और सस्टेनेबल फाइनेंस के क्षेत्र में कुछ नियामकीय पहलों से जलवायु जोखिम को बेहतर ढंग से संभालने और आपातकालीन समय में उनका मार्गदर्शन करने में मदद मिलेगी.