केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का कहना है कि देश को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से मुकाबला करने के लिए ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों (Alternative Fuel Sources) के प्रयोग का पता लगाना होगा. साथ ही माल ढुलाई जलमार्गों (waterways) को बढ़ावा देना होगा क्योंकि यह यातायात का सबसे सस्ता माध्यम है.
मंगलवार को ‘वाटरवेज कॉन्क्लेव-2022’ को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए अब इनके सस्ते और आसानी से उपलब्ध विकल्पों का पता लगाना आवश्यक हो गया है. गडकरी ने मेथनॉल (Methanol) को डीजल का विकल्प बताते हुए कहा कि यह डीजल से सस्ता भी है और डीजल इंजन को मेथनॉल से चलने वाले इंजन में बदलने की तकनीक भी मौजूद है.
मेथनॉल को मिले बढ़ावा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि असम प्रतिदिन 100 टन मेथनॉल का उत्पादन करता है. इस उत्पादन को 500 टन प्रतिदिन किया जाएगा. तकनीक में बदलाव कर अगर डीजल इंजनों को मेथनॉल इंजनों में बदला जाए तो इसका फायदा असम को होगा. उन्होंने कहा कि मेथनॉल के इस्तेमाल से फ्यूल की लागत 50 फीसदी तक घट जाएगी. गडकरी ने कहा “हम मेथनॉल से चलने वाले समुद्री इंजन विकसित कर सकते हैं और डीजल इंजनों को उसमें बदल सकते हैं. स्वीडन की एक कंपनी के पास डीजल इंजनों को मेथनॉल इंजन में बदलने की तकनीक है.”
जलमार्गों का हो ज्यादा प्रयोग
नितिन गडकरी ने कहा कि माल ढुलाई के लिए जलमार्गों का ज्यादा प्रयोग किया जाना चाहिए. अगर सड़क मार्ग से परिवहन की लागत 10 रुपये है तो रेलवे के जरिए यह 6 रुपये है. वहीं अगर जलमार्ग का प्रयोग किया जाए तो यह खर्च घटकर सिर्फ 1 रुपया रह जाता है. फिलहाल परिवहन लागत बहुत ज्यादा है. इसे घटाने की जरूरत है. जलमार्गों के अधिक से अधिक प्रयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे व्यापार में बढ़ोतरी होगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. नितिन गडकरी ने केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनेवाल को मेथनॉल के प्रयोग के बारे में विचार करने और जलमार्गों से ज्यादा माल ढुलाई के विकल्पों पर गौर करने का सुझाव दिया.