अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान पर पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने का आरोप लग रहा है. जिन हथियारों की तस्करी की जा रही है, उनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ सीमा पार झड़पों में किया जा सकता है. हालांकि, तालिबान लगातार इस बात पर जोर देता आया है कि वो एक बेहतर तालिबान है.
अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से जाने के बाद अमेरिका के बहुत से हथियार वहीं छूट गए थे. इनमें से ज्यादातर हथियारों को डिसेबल कर दिया गया है. कुछ हथियार अभी भी काम कर सकते हैं. काबुल पर कब्जा करने के बाद अमेरिका के हथियार तालिबान के हाथ लग गए.
अफगान हथियार डीलर तालिबान के लड़ाकों से ये हथियार खरीदकर पाक-अफगान सीमा पर खुलेआम दुकानों पर इन्हें बेच रहे हैं. अफगानिस्तान से पाकिस्तान में फल और सब्जियां ले जाने वाले ट्रकों में इन हथियारों की तस्करी की जाती है.
पाकिस्तान के रास्ते ही अफगानिस्तान से ड्रग्स भी इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचाए जाते हैं. पाक और अफगानिस्तान की करीब 2400 किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां से ड्रग्स को खैबर पख्तूनख्वा पहुंचाया जाता है. यहां से ड्रग्स लाहौर और फैसलाबाद ले जाई जाती है. इसके बाद इनकी बड़ी खेपें कराची के रास्ते साउथ एशिया के मार्केट में पहुंचती हैं.