भारत की दवा नियामक संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने जायडस कैडिला द्वारा निर्मित कोरोना की वैक्सीन को आपात मंजूरी दे दी है. एएनआई की खबर के मुताबिक कैडिला की वैक्सीन जयकोवडी (ZycovD) को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन के तहत मंजूरी दी गई है. इस वैक्सीन की दो खुराक बच्चों को दी जाएगी. यह वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए होगी. मंजूरी के तहत वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी. पहली डोज के बाद दूसरी डोज को 28 दिन के बाद दिया जाएगा. पहले इस वैक्सीन की तीन खुराक को आपात मंजूरी दी गई थी.
कम समय में ज्यादा लोगों को मिलेगी वैक्सीन
इससे पहले जायडस कैडिला की जिस कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी मिली थी, उसमें तीन खुराक दिया जाना होता था. पहली खुराक लगने के बाद दूसरी खुराक 28 दिनों के बाद और तीसरी खुराक 56 दिनों के बाद लगनी थी लेकिन इस बार जिस वैक्सीन को मंजूरी दी गई है उसमें दो ही खुराक लगेगी. भारत बायोटेक के बाद जायडस की वैक्सीन स्वेदशी तौर पर निर्मित भारत की दूसरी वैक्सीन है. मंजूरी मिलने के बाद जायडस लाइफसाइंस के डाइरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने बताया कि दो खुराक वाली वैक्सीन को मंजूरी मिलना स्वागतयोग्य कदम है. इससे वैक्सीन की स्वीकार्यता बढ़ेगी और कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करने में भी कम समय लगेगा. इस वैक्सीन के आ जाने से अब कम समय में अधिक लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी जिसकी बहुत पहले से जरूरत थी.
3100 लोगों पर ट्रायल
दो डोज वाली इस कोरोना वैक्सीन का 12 साल से उपर 3100 लोगों पर सीधा सफल प्रयोग किया गया है. इन लोगों पर ट्रायल के दौरान यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है जिसका प्रकाशन द लेंसेट जर्नल में किया गया है. पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल का प्रकाशन भी ईक्लिनिकल मेडिसीन जर्नल ऑफ लेंसेंट में किया गया है. कुल मिलाकर वैक्सीन ट्रायल में पूरी तरह से सफल और सुरक्षित रहा है. इससे पहले डीसीजीआई ने 6 से 12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सिन की सीमित इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी थी. वर्तमान में कोर्वेवेक्स वैक्सीन को 12 से 14 साल के बच्चों में दिया जा रहा है. इसी साल 3 जनवरी से भारत में 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भारत बायोटेक की कोर्वेवैक्स वैक्सीन दी जा रही है.