पॉम ऑयल (Palm Oil) का सबसे बड़ा उत्पादक देश इंडोनेशिया कल, यानी 28 अप्रैल से पॉम ऑयल और इससे जुड़े कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध (Palm Oil Exports Ban) लगा देगा. इंडोनेशिया ने यह कदम अपने घरेलू बाजार में पॉम ऑयल (Palm Oil Price) की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए उठाया है. पॉम ऑयल का निर्यात बैन होने से सबसे ज्यादा असर भारत पर होगा, क्योंकि भारत अपनी जरूरत का अधिकतर पॉम ऑयल इंडोनेशिया से ही आयात करता है.
वहीं, अब इंडोनेशिया ने स्पष्ट किया है कि निर्यात बैन केवल रिफाइंड, ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पॉमोलेन (RBD) पर ही लगाया गया है. इंडोनेशिया क्रूड पॉम ऑयल (CPO) और अन्य डैरिवेटिव उत्पादों का निर्यात जारी रखेगा. इंडोनेशिया के पॉम ऑयल पर निर्यात पर बैन की खबर आने से ही भारत में खाद्य तेलों के भाव (Edible Oil Price) तेज हो गए हैं. वहीं, आने वाले समय में ये 10 फीसदी तक और तेज होने की आशंका है. यह आशंका सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने जताई है.
भारत पर होगा बड़ा असर
लाइव मिंट डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी खपत का करीब आधा पॉम ऑयल इंडोनेशिया से खरीदता है. भारत की मासिक पॉम ऑयल खपत 700,000 टन है. इस साल मार्च में भारत ने इंडोनेशिया से 207,362 टन पॉम ऑयल आयात किया था, जिसमें 145,696 टन आरबीडी पॉमोलेन था. भारत का कुल पॉम ऑयल आयात मार्च में 539,793 टन रहा.
ज्यादा लंबा नहीं होगा ये बैन
रॉयटर के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में कुल खाद्य तेलों की खपत में पॉम ऑयल का हिस्सा 40 फीसदी है. इंडोनेशिया कुल पॉम ऑयल की सप्लाई का 60 फीसदी हिस्से की आपूर्ति दुनियाभर में करता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा पॉम ऑयल आयातक देश है. इंडोनेशिया ने पहली बार पॉम ऑयल निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है. जनवरी में भी उसने आंशिक प्रतिबंध लगाया था. वहीं पॉम ऑयल इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि इंडोनेशिया लंबे वक्त तक पॉम ऑयल के निर्यात पर बैन नहीं लगाएगा. यह बैन दो से तीन सप्ताह तक का ही हो सकता है.
ऐसा इसलिए है, क्योंकि पॉम ऑयल के निर्यात से होने वाली आय इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था में अहम स्थान रखती है. पाम ऑयल का इस्तेमाल खाना पकाने वाले तेल, प्रॉसेस्ड फूड, साबुन, कॉस्मेटिक्स, बायोफ्यूल और अन्य प्रोडक्ट्स में किया जाता है. आमतौर पर अधिकांश खाद्य तेलों में पाम ऑयल मिला रहता है.