दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) को बड़ा झटका लगा है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी के प्राइम सेलर क्लाउडटेल और अपेरियो के ठिकानों पर छापे मारे हैं. दोनों के खिलाफ कानून का उल्लंघन करने और कारोबार में पारदर्शिता नहीं बरतने का आरोप है. व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट (CAIT) ने सीसीआई के इस कदम की सराहना की है.
ट्रेडर्स बॉडी कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने सीसीआई की कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा की पिछले तीन वर्षों से कैट ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट की कुप्रथाओं के खिलाफ आपत्तियां जताता रहा है. विभिन्न अदालतों में अमेजन और फ्लिपकार्ट की देरी की रणनीति के खिलाफ लड़ने के साथ-साथ कैट ने सीसीआई में भी इनकी शिकायत की है.
कैट की शिकायतों की पुष्टि
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुमित अग्रवाल ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दोनों विक्रेताओं के यहां शिकायतों से संबंधित कागजात और कंप्यूटर के सभी रिकॉर्ड जब्त किए जाने चाहिए ताकि इनके साथ कोई छेड़छाड़ न की जा सके. रिकॉर्ड्स की जब्ती से कैट द्वारा अमेजन सहित क्लाउडटेल और अपेरियो के खिलाफ लगाए गए आरोपों की काफी हद तक पुष्टि हो जाएगी.
बाकी रिटेलर्स की भी हो जांच
कैट ने मांग की है कि इन दोनों के अलावा अमेजन के अन्य शीर्ष 20 सेलर्स की भी ठीक से जांच की जानी चाहिए. अमेजन एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन कर रही है और लंबे समय से भारत में एकाधिकार जमाने की कोशिश में लगी है. कैट ने आरोप लगाया है कि अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल पर कोई पारदर्शिता नहीं है. इससे देश के छोटे खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों को भारी नुकसान होता है.
कैट का आरोप है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के कदाचार के कारण मोबाइल, एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रेडीमेड गारमेंट्स, ब्यूटी केयर प्रॉडक्ट्स, घड़ियां, गिफ्ट आइटम, फर्निशिंग फैब्रिक आदि के रिटेल कारोबारियों को बड़ा नुक़सान हुआ है.