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संपत्ति बेचकर रोड मिनिस्ट्री ने कमाए 21,000 करोड़ रुपये, समय पर पूरा नहीं होगा भारतमाला प्रोजेक्ट

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केंद्रीय ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी गिरिधर अरमाने ने कहा है कि रोड, ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्ट्री ने वित्त वर्ष 2022 में करीब 21,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची है. मिनिस्ट्री ने सं​पत्ति का यह मोनेटाइजेशन केंद्र के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत की है. अरमाने ने कहा, “पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में हमने संपत्ति बेचकर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए, जबकि टोल के सिक्यॉराइटेजेशन से हमें करीब 5,000 करोड़ रुपये मिले. कुल मिलाकर संपत्ति मोनेटाइजेशन से मिनिस्ट्री को 20,000-21,000 करोड़ रुपये मिले.” इसके साथ ही ट्रोसपोर्ट सेक्रेटरी ने भारतमाला प्रोजेक्ट का पहला चरण 2022-23 के बदले अब वित्त वर्ष 2023-24 में पूरा होने में देरी होने की भी जानकारी दी.

अरमाने ने भारतमाला परियोजना के पहले चरण से संबंधित सवाल के जवाब में कहा, “क्योंकि हमने 2017-18 के बजाय यह परियोजना एक साल देरी 2018-19 से शुरू की, इसीलिए यह 2023-24 तक पूरी होगी.” इसका मतलब यह हुआ कि भारतमाला परियोजना का पहला चरण अब अगले साल में मार्च के आखिर तक पूरा नहीं होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगस्त 2021 में सभी क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्ति के मूल्य को अनलॉक करने के लिए 4 वर्षों में 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) की घोषणा की थी. उन्होंने साफ किया था कि सरकार केवल अंडर यूटिलाइज्ड एसेट्स को ही बेचेगी.

एक्सपर्ट पैनल ने नहीं सौंपी रिपोर्ट

रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे सेक्रेट्री अरमाने ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया कि इलेक्ट्रिक टू व्हीलर में आग लगने के कई मामलों पर कहा कि कहा कि प्रत्येक घटना की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय ईवी इंडस्ट्री ‘हमारी कल्पना’ से आगे बढ़ने के लिए बाध्य है. हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) में आग लगने और लोगों की मौत और घायल होने की कई घटनाएं हुई हैं. अरमाने ने यह भी साफ किया कि इन मामलों की जांच के लिए गठित एक्सपर्ट पैनल ने अभी अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है. पिछले महीने ओला कंपनी के इलेक्ट्रिक स्कूटर में पुणे में आग लगने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.