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NSE ने 42 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने की घोषणा की, एजीएम में नए MD और CEO भी तय

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई, The National Stock Exchange (NSE)) ने प्रति शेयर 42 रुपए का डिविडेंड देने की घोषणा की है. एनएसई ने कहा कि उसके बोर्ड ने शुक्रवार 6 मई को हुई बोर्ड बैठक में पिछले वित्त वर्ष के फाइनेंशियल पर विचार करने के बाद यह निर्णय़ लिया है.

बोर्ड ने अन्य बातों के साथ-साथ 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए 4200% के अंतिम लाभांश यानी ₹42/- प्रति इक्विटी शेयर की सिफारिश की है. इसके अलावा, कंपनी के निदेशक मंडल ने प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद के लिए नामों को भी शॉर्टलिस्ट किया है.

सीईओ विक्रम लिमये जून में रिटायर होंगे
मार्च में, स्टॉक एक्सचेंज ने एमडी और सीईओ के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किया था. वर्तमान एमडी और सीईओ विक्रम लिमये इस साल जून में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 मार्च, 2022 थी. लिमये एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) हैं और उनकी नियुक्ति 2017 में हुई थी.

एनएसई के पूर्व प्रमुख रवि नारायण का मामला
प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व प्रमुख रवि नारायण के खिलाफ बाजार नियामक सेबी के आदेश पर रोक लगा दी है. यह रोक इस शर्त के अधीन है कि नारायण चार सप्ताह के भीतर सेबी के समक्ष 50 लाख रुपये जमा करेंगे. सैट ने यह आदेश गुरुवार को पारित किया. सैट ने अपने आदेश में कहा कि जमा की गई राशि को सेबी द्वारा ब्याज खाते में रखा जाएगा, जो अपील के अंतिम परिणाम के अधीन होगा.

दो करोड़ रुपये का जुर्माना
इससे पहले सेबी ने नारायण को नोटिस भेजकर 2.06 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था. सेबी ने कामकाज में चूक से संबंधित मामले में यह नोटिस भेजा. नोटिस में नारायण को चेतावनी दी गई कि 15 दिनों के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी के साथ ही संपत्ति और बैंक खातों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी.

नारायण इससे पहले सेबी द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने को चुकाने में विफल रहे थे, जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया. सेबी ने 11 फरवरी को एनएसई में मुख्य रणनीतिक अधिकारी की नियुक्ति में हुई चूक के कारण नारायण पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. बाजार नियामक सेबी ने इसी मामले में नारायण की उत्तराधिकारी चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.